
दुर्लभ धातुओं के लिए गहरे समुद्र में खनन तबाह कर देगा पारिस्थितिकी तंत्र
लंदन। दुर्लभ धातुओं के लिए गहरे समुद्र में खनन, पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर देगा। अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण संगठन 'फौना एंड फ्लोरा' के अनुसार कोबाल्ट, मैंगनीज और निकल जैसे मूल्यवान खनिजों के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां समुद्र तल को साफ कर रही हैं। खनन कंपनियां इन संसाधनों का फायदा उठाना चाहती हैं क्योंकि ये वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ये गतिविधियां व्यापक प्रदूषण का कारण बनेंगी, इनसे मछलियों का वैश्विक स्टॉक नष्ट होने के साथ-साथ समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को भी नुकसान होगा।
समुद्र में कार्बन के विशाल भंडार होंगे प्रभावित: महासागरों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना न केवल समुद्री जैव विविधता के लिए बल्कि पृथ्वी पर जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है। गहरे समुद्र में कार्बन के विशाल भंडार हैं, जो खनन से पूरी तरह से बाधित होकर वैश्विक संकट को बढ़ा सकते हैं। इसका परिणाम ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते स्तर के रूप में भी सामने आने लगा है। 'फौना एंड फ्लोरा' संगठन से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार जैव विविधता के बारे में हमारा ज्ञान और समझ आज भी अधूरी है। हर बार जब प्रजातियों को जानने के लिए अभियान शुरू किया जाता है तो हम पाते हैं कि उनमें से 70-90 प्रतिशत विज्ञान के लिए नई हैं। ये सिर्फ नई प्रजातियां नहीं होती बल्कि पौधों और जीवों की पूरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिनके बारे में हमें पहले कुछ भी पता नहीं था।
तनावग्रस्त महासागरों की बर्बादी का कारण बनेगा खनन: कोबाल्ट, मैंगनीज और निकल जैसी धातुएं इलेक्ट्रिक कारों, पवन टर्बाइनों और अन्य उपकरणों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं। कार्बन उत्सर्जन कम करने, बिजली संयंत्रों और कारखानों को बदलने के लिए इनकी आवश्यकता के चलते समुद्र की गहराई में खनन बढ़ रहा है। कंपनियां अब रोबोट रोवर्स का उपयोग करके बड़ी मात्रा में इन धातुओं को निकाल रही हैं। ये रोबोट रोवर्स पाइपलाइनों द्वारा सतह के जहाजों से जुड़े होते हैं, जो समुद्र तल से धातुओं को लेकर ऊपर पहुंचा देते हैं। आशंका है कि समुद्र में खनन की अधिकता तनावग्रस्त महासागरों को तबाह कर उनके नाजुक पारिस्थितिक तंत्र को नष्ट कर देगी।
जीव विलुप्त हुए तो इनकी बहाली असंभव: गहरे समुद्र में खनन हाल ही शुरू हुई प्रक्रिया नहीं है। 1860 में समुद्र में पहली बार मैंगनीज नोड्यूल (एक कोर के चारों ओर लोहे और मैंगनीज हाइड्रॉक्साइड की परतों से बनी संरचना) खोजा गया था। समुद्र में खनन ही होड़ से पॉलीकीट कीड़े, कोरल और स्क्विड जैसे जीव हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएंगे। समुद्र के भीतर कई किलोमीटर की गहराई में भोजन और ऊर्जा सीमित मात्रा में होती है और जीवन असाधारण धीमी गति से आगे बढ़ता है। ऐसे में यदि एक बार जीव विलुप्त हुए तो जैव विविधता में इनकी बहाली असंभव होगी।
महासागरों का महत्व
Published on:
27 Mar 2023 11:37 am
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