
सीकर। हार्ट और न्यूरो संबंधी बीमारियों के उपचार के लिए अब मरीजों को निजी अस्पतालों में हजारों रुपए खर्च नहीं करने पड़ेंगे। राजस्थान पत्रिका में 22 मार्च को खबर के प्रकाशन के बाद कल्याण अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया। अस्पताल प्रबंधन ने ट्रेड मिल टेस्ट ( टीएमटी) और ईलेक्ट्रो एनसेफ्लो ग्राम (ईईजी) मशीन को इंस्टॉल करवा कर जांच शुरू कर दी है। सरकारी अस्पताल में ये महंगी जांच होने से मरीजों के हजारों रुपए बच जाएंगे। मशीनों अस्पताल की ओपीडी में कार्डियोलॉजी विभाग और साइकेट्री विभाग में लगाया गया है। अस्पताल में इन मशीनों को पिछले साल दिसम्बर में करीब 25 लाख रुपए की लागत से खरीदा गया था लेकिन प्रशिक्षित स्टॉफ के नहीं होने से मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा था।
खराब लाइफ स्टाइल और बढ़े हुए कॉलेस्ट्रॉल के कारण पिछले एक दशक में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। चिंताजनक बात है कि यह अटैक हर आयुवर्ग के लोगों को आ रहे हैं। ऐसे में हार्ट की मौजूदा िस्थति जानने के लिए टीएमटी मशीन का महत्वपूर्ण रोल होता है। सरकारी क्षेत्र में जिले में यह सुविधा नहीं मिलने के कारण मरीजों को समय और पैसा दोनो खराब हो रहा था। ऐसे में प्रबंधन ने कार्डियोलॉजी विभाग में इस मशीन को शुरू करवा दिया है।जबकि ईईजी मशीन का उपयोग मानसिक विकारों के उपचार में किया जाता है। जांच के दौरान निकलने वाली तरंगो से मस्तिष्क की कई समस्याओं का पता चलता है। जिसके आधार पर चिकित्सक मिर्गी, स्लीप एपनिया, मस्तिष्क ट्यूमर, डिमेंशिया, और अन्य दौरे संबंधी उपचार करते हैं।
अस्पताल में टीएमटी और ईईजी मशीन शुरू करवा दी गई है। स्टॉफ को प्रशिक्षित किया गया है। जिससे मरीजों को हार्ट और न्यूरो संबंधी बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा।
केके अग्रवाल, अधीक्षक कल्याण अस्पताल
Published on:
04 Apr 2025 11:09 am
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