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यूरोप में जीवाश्म उत्पादन 2023 में रेकॉर्ड निचले स्तर पर आया

यह गिरावट पूरे यूरोप में देखी गई। वहीं 11 देश ऐसे हैं, जहां गिरावट का स्तर कम से कम 20 प्रतिशत रहा। पुर्तगाल, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, एस्टोनिया, फिनलैंड में यह आंकड़ा 30 फीसदी से अधिक दर्ज किया गया।

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जयपुर

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Kiran Kaur

Aug 31, 2023

यूरोप में जीवाश्म उत्पादन 2023 में रेकॉर्ड निचले स्तर पर आया

यूरोप में जीवाश्म उत्पादन 2023 में रेकॉर्ड निचले स्तर पर आया

नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन को कम करने और शुद्ध शून्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यूरोपीय देशों ने कमर कस ली है। यूरोपीय संघ के 27 देशों में जीवाश्म ईंधन से बिजली का उत्पादन रेकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। स्वच्छ ऊर्जा थिंकटैंक एम्बर के शोध में पाया गया कि यूरोपीय देशों ने इस साल जनवरी से लेकर जून के बीच पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 17 प्रतिशत कम जीवाश्म ईंधन का प्रयोग किया। 2023 की पहली छमाही में जीवाश्म उत्पादन इस सदी की शुरुआत के बाद से सबसे कम 410 टेरावाट था। यह गिरावट पूरे यूरोप में देखी गई। वहीं 11 देश ऐसे हैं, जहां गिरावट का स्तर कम से कम 20 प्रतिशत रहा। पुर्तगाल, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, एस्टोनिया, फिनलैंड में यह आंकड़ा 30 फीसदी से अधिक दर्ज किया गया।

स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी:

जीवाश्म ईंधन उत्पादन में गिरावट बिजली की मांग में कमी, गैस के दामों में वृद्धि के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा में वृद्धि का परिणाम है। 2022 की तुलना में इस साल कोयले से बिजली उत्पादन में 23 फीसदी और गैस से 13 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि सौर ऊर्जा उत्पादन में 13 प्रतिशत और पवन ऊर्जा उत्पादन में पांच फीसदी की वृद्धि हुई है। ग्रीस और रोमानिया दोनों ने पहली बार 50 फीसदी नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को पार कर लिया, जबकि डेनमार्क और पुर्तगाल ने 75 फीसदी तक इसकी प्राप्ति की। सात देशों ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फिनलैंड, इटली, पोलैंड और स्लोवेनिया में जीवाश्म ईंधन का जलना इस सदी में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।

आपातकालीन उपायों से बदल गई तस्वीर:

पिछले साल रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद गैस की कीमतें बढ़ गईं और यूरोपीय संघ ने मांग में कटौती के लिए आपातकालीन उपाय किए। सर्दी भी अप्रत्याशित रूप से कम होने के कारण गत वर्ष की तुलना में 2023 की पहली छमाही में बिजली की मांग लगभग पांच फीसदी घट गई। यूरोप में इस साल मई और जून में भी कोयले की मांग रेकॉर्ड स्तर पर सबसे कम दर्ज की गई। हाल के वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा महत्वाकांक्षा के तेजी से विस्तार के बाद, यूरोपीय संघ और व्यक्तिगत रूप से देश रेकॉर्ड बना रहे हैं। मई और जुलाई दोनों में पहली बार यूरोपीय संघ में बिजली उत्पादन में पवन और सौर ऊर्जा का हिस्सा 30 फीसदी से अधिक था।

सौर और पवन ऊर्जा पर तत्काल जोर देना की जरूरत:

बिजली की मांग में कमी वैसे तो 2022 की चौथी तिमाही में आठ फीसदी की आश्चर्यजनक गिरावट के साथ शुरू हो चुकी थी। लेकिन अगर यह दर इस साल के अंत तक जारी रहती है तो 2009 के बाद से सबसे बड़ी वार्षिक कमी के बराबर होगी। धरती के बढ़ते तापमान को रोकने के लिए यूरोपीय संघ ने इस दशक के अंत तक ग्रीनहाउस गैसों के प्रदूषण को 65 फीसदी तक कम करने और 2045 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन तक पहुंचने का वादा किया है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए यूरोप को कम ऊर्जा लेकिन अधिक बिजली की आवश्यकता होगी क्योंकि घरों को गर्म रखने और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इसकी मांग में वृद्धि होगी। इसके लिए यूरोप में विशेष रूप से सौर और पवन ऊर्जा पर बड़े पैमाने पर जोर देने की तत्काल आवश्यकता है।


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