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पड़ोस में सरकारी भूमि, फिर भी निजी जमीन को सुविधा क्षेत्र में लेने की तैयारी!

फिर उठने लगे मास्टर प्लान को लेकर सवाल अधिकारियों पर लगे मिलीभगत के आरोप सीकर.शिक्षानगरी के अटके मास्टर प्लान की वजह से शहर विकास के नए प्रोजेक्टों भी अनलॉक नहीं हो पा रहे है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी कई बार जल्द मास्टर मास्टर प्लान को मंजूरी दिलाने का वादा किया जा चुका है। […]

सीकरMay 21, 2025 / 10:40 am

Puran

फिर उठने लगे मास्टर प्लान को लेकर सवाल

अधिकारियों पर लगे मिलीभगत के आरोप

सीकर.शिक्षानगरी के अटके मास्टर प्लान की वजह से शहर विकास के नए प्रोजेक्टों भी अनलॉक नहीं हो पा रहे है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी कई बार जल्द मास्टर मास्टर प्लान को मंजूरी दिलाने का वादा किया जा चुका है। लेकिन मास्टर प्लान 18 महीने में फाइलों से बाहर नहीं आ सका है। हालत यह है कि मास्टर प्लान भले ही जारी नहीं हुआ हो लेकिन मास्टर प्लान का नक्शा लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे मास्टर प्लान की गोपनीयता पर भी सवाल खड़े हो रहे है। मास्टर प्लान में चिन्हित एरिया को लेकर कुछ लोगों की ओर से सवाल भी उठाए है। इसमें बताया कि सरकारी जमीन होने के बाद भी निजी जमीन को सुविधा क्षेत्र के लिए घोषित किए जाने की तैयारी है। इससे विभाग को सीधे तौर पर राजस्व का नुकसान होगा। मास्टर प्लान में हो रहे गुपचुप खेल को लेकर भी बाईपास इलाके के किसानों ने अधिकारियों ने मिलीभगत के आरोप भी लगाए है।
निजी खातेदारों को लाभ पहुंचाने की मंशा

चंदपुरा जोहड़ी के पास नगर सुधार न्यास की सरकारी जमीन है। इसमें आसानी से सुविधा क्षेत्र विकसित किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो नए मास्टर प्लान में पास के खातेदारों की जमीन को सुविधा क्षेत्र घोषित करने पर मुहर लगा दी है। इससे सरकार को सीधे तौर पर राजस्व का नुकसान होगा। एक्सपर्ट का कहना है कि निजी क्षेत्र को सुविधा क्षेत्र घोषित करने पर सरकार को निजी खातेदारों को मुआवजा देना पड़ेगा। सरकार सरकारी जमीन पर ही सुविधा क्षेत्र विकसित करती है तो जितने राशि का मुआवजा देगी उससे चार गुणा कम में पार्क सहित अन्य सुविधा विकसित हो सकते है। इससे मास्टर प्लान की मंशा पर सवालिया निशान लगने लगे हैं।
यहां भी यही खेल

चंदपुरा की तरह पालवास रोड पर जोहड़ी के पास बलरामपुरा क्षेत्र के भी कई किसानों की जमीन को भी सुविधा क्षेत्र घोषित करने की संभावना है। इलाके के लोगों ने बताया कि ज्यादातर जमीन इलाके के गरीब व पिछड़े परिवारों की है। ऐसे में विभाग को सुविधा क्षेत्र के प्रस्तावों को नए सिरे से संशोधित करना चाहिए।
किसानों का भी विरोध

शिक्षानगरी के प्रस्तावित मास्टर प्लान में निजी खातेदारों की जमीन को सुविधा क्षेत्र घोषित किए जाने से काश्तकारों में भी नाराजगी है। काश्तकारों ने बताया कि विधानसभा में खुद यूडीएच मंत्री ने कहा था कि काश्तगारों का अहित नहीं हो, इसके लिए कांग्रेस राज में तैयार हुए मास्टर प्लान की जांच कराई जा रही है। लेकिन अब उल्टा किसानों की जमीन को सुविधा क्षेत्र के दायरे में लिया जा रहा है।
ये भी आरोप: चहेते खातेदारों को बचाया

इधर मास्टर प्लान को लेकर बाइपास इलाके के कई खातेदारों ने स्वायत्त शासन व नगर नियोजन से जुड़े अधिकारियों पर चहेतों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया है। इलाके के किसानों ने आरोप लगाया कि कई खातेदारों की जमीन को सुविधा क्षेत्र घोषित करने की तैयारी है। जबकि अधिकारियों ने पड़ौस के कई खातेदारों को सुविधा क्षेत्र घोषित करने से मुक्त भी रखा है।
पिछली सरकार में तैयार हुआ प्लान

सीकर का मास्टर प्लान 2041 पिछली सरकार के समय तैयार हो गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने की वजह से मास्टर प्लान के प्रारूप का प्रकाशन नहीं हो सका। अब 18 महीनों से सीकर का मास्टर प्लान समीक्षा में उलझा हुआ है।
मंत्री बोले: पांच-सात दिन का काम बाकी

सीकर का मास्टर प्लान लगभग तैयार है। आज ही सीकर के मास्टर प्लान को लेकर अधिकारियों से चर्चा हुई है। अभी सीकर के मास्टर प्लान में पांच-सात दिनों का और काम बाकी है। जल्द ही सीकर के मास्टर प्लान को जारी कराया जाएगा।
झाबर सिंह खर्रा, यूडीएच मंत्र

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