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2035 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी होगी मोटापे से ग्रसित

'वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस 2023' रिपोर्ट के मुताबिक वयस्कों के मुकाबले बच्चों (5-19 आयु वर्ग) का वजन तेजी से बढ़ रहा है। आशंका है कि आने वाले 12 वर्षों में बच्चों में मोटापे की दर लगभग दोगुनी हो सकती है।

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जयपुर

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Kiran Kaur

Mar 04, 2023

2035 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी होगी मोटापे से ग्रसित

2035 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी होगी मोटापे से ग्रसित

लंदन। वैश्विक सरकारें अत्यधिक वजन की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए यदि निर्णायक कार्रवाई नहीं करती हैं तो दुनिया की आधी से अधिक (51%) आबादी 2035 तक मोटापे से ग्रसित होगी। 20 वर्ष की आयु से अधिक के पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलेगी। 'वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस 2023' रिपोर्ट के मुताबिक वयस्कों के मुकाबले बच्चों (5-19 आयु वर्ग) का वजन तेजी से बढ़ रहा है। आशंका है कि आने वाले 12 वर्षों में बच्चों में मोटापे की दर लगभग दोगुनी हो सकती है।

वैश्विक जीडीपी पर बढ़ता वजन का भार: मोटापे से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2035 में 3.28 लाख अरब रुपयों का नुकसान होने की आशंका है, जो वर्तमान वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग तीन फीसदी है। मोटापे से प्रभावित दुनिया के 39 प्रतिशत पुरुष और 29 फीसदी महिलाएं 2020 में उच्च आय वाले देशों के निवासी थे, लेकिन 2035 तक इस आंकड़े में क्रमश: आठ और छह फीसदी की गिरावट आएगी। इसके विपरीत मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले अधिक वजनी लोगों का अनुपात पुरुषों में 66 फीसदी और महिलाओं में 70 फीसदी तक बढ़ने की आशंका है।

एशियाई और अफ्रीकी देशों में व्यापकता अधिक: निम्न आय वाले देशों में मोटापे की व्यापकता तेजी से बढ़ रही है। वैश्विक स्तर पर (वयस्कों और बच्चों दोनों में) मोटापे में सबसे अधिक वृद्धि वाले 10 देशों में से नौ निम्न या निम्न-मध्यम आय वाले हैं, जो एशियाई और अफ्रीकी हैं। प्रोसेस्ड फूड के प्रति बढ़ता रुझान, शारीरिक गतिविधियों में कमी, खाद्य आपूर्ति व खाद्य विपणन को नियंत्रित करने के लिए कमजोर नीतियां समस्या को व्यापक बना रही हैं। दुनियाभर में हर साल चार मार्च को मोटापे से होने वाले रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 'विश्व मोटापा दिवस' मनाया जाता है।

भारतीय महिलाओं में बढ़ेगी मोटापे की समस्या: भारत में 2020-2035 के दौरान वयस्कों में 5.2 फीसदी और बच्चों में 9.1 प्रतिशत की दर से मोटापे के मामलों में वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। आने वाले 12 वर्षों में महिलाएं और लड़के सबसे ज्यादा अत्यधिक वजन की समस्या से जूझ रहे होंगे। देश की जीडीपी पर इसका भार 1.8 प्रतिशत होगा। अत्यधिक वजन का आर्थिक प्रभाव सबसे ज्यादा असामयिक मौतों के रूप में सामने आएगा। बढ़ते वजन की समस्या से निपटने के संबंध में 183 देशों की तैयारी से जुड़ी रैंकिंग में भारत का स्थान 99वां है, जिसे औसत माना गया। पड़ोसी देशों में बांगलादेश 108वें, नेपाल १३९वें और पाकिस्तान 172वें स्थान के साथ कमजोर तैयारी वाली अर्थव्यवस्था रहीं।