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पर्यटन क्षेत्र में 80% से ज्यादा व्हेल शार्क पर इंसानी कारणों से बने निशान

करीब 80 प्रतिशत व्हेल शार्क के शरीर पर इंसानों से जुड़ी चोटों के निशान हैं, जिनमें अधिकतर नावों या मछली पकड़ने वाले प्लेटफॉर्म (बगान) से टकराने से हुए हैं।

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इंडोनेशिया के समुद्री क्षेत्र में ज्यादातर चोटें नावों और मछली पकड़ने वाले प्लेटफॉर्म से टकराने से

जयपुर। इंडोनेशिया के समुद्री इलाकों में व्हेल शार्क पर होने वाली ज्यादातर चोटें इंसानी गतिविधियों के कारण हैं। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि करीब 80 प्रतिशत व्हेल शार्क के शरीर पर इंसानों से जुड़ी चोटों के निशान हैं, जिनमें अधिकतर नावों या मछली पकड़ने वाले प्लेटफॉर्म (बगान) से टकराने से हुए हैं।

शोधकर्ताओं ने 13 साल तक 268 व्हेल शार्क का ट्रैक किया। यह अध्ययन वेस्ट पापुआ के बर्ड्स हेड सी-स्केप में हुआ, जो दुनियाभर में जैव विविधता का हॉटस्पॉट और व्हेल शार्क पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। उन्होंने पाया कि तीन-चौथाई शार्क के शरीर पर घाव या निशान थे। ज्यादातर चोटें बगान से रगड़ खाने या टूरिस्ट नावों से टकराने से आई थीं। अधिकतर घाव हल्के थे, लेकिन करीब हर पांच में से एक शार्क को गंभीर चोटें आईं, जैसे पंख का कट जाना या नाव के प्रोपेलर से गहरे घाव। डॉ. एडी सेत्यावान, (एलैसमोब्रैंक इंस्टिट्यूट, इंडोनेशिया) ने बताया कि “ज्यादातर चोटें इंसानी वजहों से थीं, खासकर बगान और व्हेल शार्क टूरिज़्म वाली नावों से टकराने से। प्राकृतिक कारणों से होने वाली गंभीर चोटें, जैसे शिकारी के हमले या प्रोपेलर की चोट, बहुत कम देखने को मिलीं।”
व्हेल शार्क दुनिया की सबसे बड़ी मछली है और इसे अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने विलुप्तप्राय प्रजाति की सूची में रखा है। पिछले 75 वर्षों में दुनिया भर में इनकी संख्या 50% से ज्यादा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में 63% तक घट गई है। चूंकि इन्हें यौन परिपक्वता हासिल करने में 30 साल तक लग जाते हैं, इसलिए इनकी संख्या बहुत धीरे-धीरे बढ़ती है। इंडोनेशिया पापुआ के ज्यादातर व्हेल शार्क कम उम्र के नर हैं, जिनकी लंबाई 4 से 5 मीटर तक होती है। ये अक्सर सतह के पास और बगान के आस-पास रहते हैं, जहां ये मछली पकड़ने वाले जालों से सीधे एन्कोवी और छोटी मछलियाँ खा लेते हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि लगभग आधी शार्क दोबारा देखी गईं, और एक शार्क को तो 3 साल में 34 बार दर्ज किया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह दर्शाता है कि व्हेल शार्क लंबे समय तक एक ही क्षेत्र में रहती हैं और इसलिए स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन संपत्ति मानी जानी चाहिए।

हालाँकि, विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि जैसे-जैसे व्हेल शार्क पर्यटन बढ़ेगा, वैसे-वैसे उनके लिए खतरे भी बढ़ेंगे। इसलिए जरूरी है कि नावों और मछली पकड़ने वाले प्लेटफॉर्म में छोटे-छोटे बदलाव किए जाएं, जैसे जाल और नाव के हिस्सों से नुकीले किनारे हटाना। डॉ. मार्क अर्डमैन (री:वाइल्ड संस्था में शार्क संरक्षण निदेशक) ने कहा, “हम समुद्री संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन अधिकारियों के साथ मिलकर नियम बनाने की कोशिश करेंगे ताकि बगान में ऐसे छोटे बदलाव अनिवार्य हों। इससे व्हेल शार्क पर लगने वाले घाव काफी हद तक कम हो सकते हैं।” बर्ड्स हेड सी-स्केप में 26 समुद्री संरक्षित क्षेत्र हैं और यह दुनिया की सबसे समृद्ध उष्णकटिबंधीय जैव विविधता वाली जगहों में गिना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां व्हेल शार्क की रक्षा करना न केवल संरक्षण के लिए बल्कि पर्यटन और स्थानीय आजीविका को बनाए रखने के लिए भी बेहद जरूरी है।