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जयपुर। पृथ्वी की सतह का 66% हिस्सा गहरे महासागर से ढका है, लेकिन इसका बहुत ही छोटा हिस्सा ही अब तक देखा या समझा जा सका है। वैज्ञानिकों ने इस विशाल और जरूरी पारिस्थितिकी तंत्र को समझने और बचाने के लिए वैश्विक और समावेशी प्रयासों की अपील की है।
नए शोध के अनुसार, जो Science A dvances पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, Ocean Discovery League के वैज्ञानिकों ने पाया कि आज तक इंसानों ने गहरे समुद्र के तल (seafloor) का केवल 0.001% से भी कम हिस्सा ही देखा है। यह क्षेत्र अमेरिका के रोड आइलैंड राज्य या बेल्जियम के दसवें हिस्से के बराबर है।
गहरा महासागर वो क्षेत्र है जो समुद्र तल से 200 मीटर से अधिक गहराई पर होता है। यह जीवन के लिए कई जरूरी सेवाएं देता है—जैसे कि ऑक्सीजन बनाना, जलवायु को संतुलित रखना, और नई दवाओं की खोज में मदद करना। बावजूद इसके, इसका बहुत कम हिस्सा ही वैज्ञानिक रूप से खोजा गया है।
शोधकर्ताओं ने 1958 से अब तक की लगभग 44,000 गहरे समुद्र में की गई डाइविंग गतिविधियों का अध्ययन किया है। ये प्रयास दुनिया के 120 देशों के समुद्री इलाकों में हुए, लेकिन फिर भी महासागर की बहुत कम सतह ही देखी जा सकी है। इनमें से करीब 30% प्रयास 1980 से पहले हुए थे और वे भी कम गुणवत्ता की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें भर थे।
शोध में पाया गया कि अमेरिका, जापान और न्यूजीलैंड के तटों से 200 समुद्री मील के भीतर ही 65% से अधिक दृश्य अध्ययन हुए हैं। कुल गहरे समुद्र की खोज का 97% भाग केवल 5 देशों (अमेरिका, जापान, न्यूजीलैंड, फ्रांस और जर्मनी) द्वारा किया गया है। इससे बाकी दुनिया और समुद्र के क्षेत्रों की जानकारी लगभग शून्य जैसी है।
समुद्र के कुछ क्षेत्रों जैसे कि घाटियां (canyons) और पर्वतों (ridges) पर शोध हुआ है, लेकिन abyssal plains (गहरे, समतल क्षेत्र) और seamounts (समुद्र के नीचे पहाड़) अब भी रहस्य बने हुए हैं।
अगर धरती पर जीवन को समझने के लिए केवल 0.001% भूमि का ही अवलोकन किया जाए, तो यह वैसा ही होगा जैसे हम पूरी धरती को समझने की कोशिश सिर्फ ह्यूस्टन, टेक्सास के बराबर जमीन देखकर कर रहे हों।
वैज्ञानिकों ने इस रिपोर्ट में अपील की है कि:
नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी के डॉ. इयान मिलर ने कहा, “हमारे समुद्र का बहुत बड़ा हिस्सा अब भी रहस्य है। अगर हम अपने महासागरों को बेहतर समझेंगे, तभी हम उन्हें बचा पाएंगे।”
Published on:
26 May 2025 05:42 pm
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