ये हैं नए नियम और प्रावधान
-केन्द्र सरकार ने पहली बार “विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020” के माध्यम से विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकार तय किए
-विद्युत उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के युग का प्रारंभ, नियमों के केन्द्र बिन्दु में उपभोक्ता
-उपभोक्ताओं के नए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने और बिल के ऑनलाइन भुगतान करने का विकल्प
-उपभोक्ता निर्धारित समय-सीमा (मेट्रो नगरों में 7 दिन, अन्य शहरों में 15 दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन) में बिजली कनेक्शन पाएंगे, उल्लंघन दंडात्मक होंगे
-नियमों से देश में लगभग 30 करोड़ वर्तमान और संभावित उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा
-पूरे देश में कारोबारी सुगमता को और आसान बनाने की दिशा में नियम महत्वपूर्ण कदम : विद्युत मंत्री श्री आर.के. सिंह
विद्युत नियम में निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों को कवर किया गया हैं
-उपभोक्ताओं के अधिकारों तथा वितरण लाइसेंसियों के दायित्व
-नया कनेक्शन जारी करना तथा वर्तमान कनेक्शन में संशोधन
-मीटरिंग प्रबंधन
-बिलिंग और भुगतान
-डिस्कनेक्शन और रिकनेक्शन
-सप्लाई की विश्वसनीयता
-प्रोज्यूमर के रूप में कन्ज्यूमर
-लाइसेंसी के कार्य प्रदर्शन मानक
-मुआवजा व्यवस्था
-उपभोक्ता सेवाओं के लिए कॉल सेन्टर
-शिकायत समाधान व्यवस्था
अधिकार और दायित्व :
प्रत्येक वितरण लाइसेंसी का कर्तव्य है कि वे अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप किसी परिसर के मालिक या उस परिसर में रह रहे व्यक्ति के अनुरोध पर बिजली सप्लाई करें।
वितरण लाइसेंसी द्वारा बिजली सप्लाई के लिए न्यूनतम सेवा मानक उपभोक्ता का अधिकार है।
नए कनेक्शन जारी करना और वर्तमान कनेक्शन में संशोधन :
-आवेदक के पास ऑनलाइन आवेदन का विकल्प होगा
-नए कनेक्शन देने और वर्तमान कनेक्शन में संशोधन के लिए मेट्रो शहर में अधिकतम समय-सीमा सात दिन तथा -अन्य पालिका क्षेत्रों में 15 दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन होगी।
मीटिरिंग :
-मीटर के बिना कोई कनेक्शन नहीं दिया जाएगा
-मीटर स्मार्ट प्री-पेमेंट या प्री-पेमेंट मीटर होंगे
-मीटरों के परीक्षण का प्रावधान
-खराब या जला हुआ या चुराए गए मीटरों को बदलने का प्रावधान
बिलिंग और भुगतान :
-उपभोक्ता को ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान का विकल्प होगा
-बिलों के अग्रिम भुगतान का प्रावधान
डिस्कनेक्शन तथा रिकनेक्शन प्रावधान
सप्लाई की विश्वसनीयता :वितरण लाइसेंसी सभी उपभोक्ताओं को 24×7 बिजली सप्लाई करेगा, लेकिन आयोग कृषि जैसे कुछ श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए आपूर्ति के कम घंटों को निर्दिष्ट कर सकता है।
निगरानी तथा बिजली बहाल करने के लिए वितरण लाइसेंसी, जहां तक संभव हो, ऑटोमेटेड टूल्स के साथ एक व्यवस्था बनाएंगे।
प्रोज्यूमर के रूप में कन्ज्यूमर :
मुआवजा व्यवस्था :
-कार्यप्रदर्शन मानकों के उल्लंघन के लिए वितरण लाइसेंसियो द्वारा उपभोक्ताओं को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा -उपभोक्ताओं को ऑटोमेटिक रूप से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा, जिसके लिए कार्यप्रदर्शन मानकों की दूर से निगरानी की जाएगी-कार्यप्रदर्शन मानकों में जिनके लिए मुआवजे का भुगतान वितरण लाइसेंसियों द्वारा किया जाएगा, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं :-
-आयोग यह निर्दिष्ट करेगा कि एक विशेष अवधि से आगे उपभोक्ता को सप्लाई नहीं की जाएगी;
-आयोग द्वारा निर्दिष्ट सीमा से अधिक सप्लाई में बाधा संख्या
-कनेक्शन, डिस्कनेक्शन, रिकनेक्शन, शिफ्टिंग में लगने वाला समय
-उपभोक्ता श्रेणी, लोड परिवर्तन में लगने वाला समय
-उपभोक्ता ब्योरा में परिवर्तन के लिए लगने वाला समय
-खराब मीटरों को बदलने में लगने वाला समय
-समय-सीमा जिसके अंदर बिल दे दी जाएगी
उपभोक्ता सेवा के लिए कॉल सेन्टर :
-वितरण लाइसेंसी एक केन्द्रीकृत 24×7 टोल फ्री कॉल सेन्टर स्थापित करेगा-लाइसेंसी कॉमन कस्टमर रिलेशन मैनेजर (सीआरएम) प्रणाली के माध्यम से सभी सेवाएं प्रदान करने का प्रयास -उपभोक्ता शिकायत समाधान फोरम (सीजीआरएफ) में कन्ज्यूमर और प्रोज्यूमर के प्रतिनिधि होंगे
-उपभोक्ता शिकायत समाधान व्यवस्था को बहुस्तरीय बनाकर आसान बनाया गया है और उपभोक्ताओं के प्रतिनिधियों की संख्या एक से बढ़ाकर चार कर दी गई है।
-लाइसेंसी समय-सीमा निर्दिष्ट करेगा, जिसके अंतर्गत विभिन्न स्तर के फोरमों द्वारा विभिन्न प्रकार की शिकायतों का समाधान किया जाएगा। शिकायत समाधान के लिए अधिकतम समय-सीमा 45 दिन है।