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अब किसानों को प्री-मानसून का इंतजार

ग्वार की बुवाई का रहेगा रुझान सीकर. एक माह से पड़ रही गर्मी के बाद जिले के खेतों की माटी तपकर तैयार हो गई है। किसानों ने खेतों की सुध लेनी शुरू कर दी है। किसान खेतों में मेड से खरपतवार हटाने और खेती के उपकरणों को तैयार करने में जुटे हुए हैं। इस बार गर्मी […]

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ग्वार की बुवाई का रहेगा रुझान

सीकर. एक माह से पड़ रही गर्मी के बाद जिले के खेतों की माटी तपकर तैयार हो गई है। किसानों ने खेतों की सुध लेनी शुरू कर दी है। किसान खेतों में मेड से खरपतवार हटाने और खेती के उपकरणों को तैयार करने में जुटे हुए हैं। इस बार गर्मी को देखते हुए किसानों में अच्छी बारिश की उमीद है। खरीफ सीजन को लेकर कृषि विभाग ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। कृषि विभाग ने बुवाई को देखते हुए खाद- बीज की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिले के हर ब्लॉक में फसलों के प्रदर्शन लगाए जाएंगे। इसके लिए कृषि विभाग ने अधिकारियों को चयन करने के निर्देश दिए हैं। किसानों की माने तो पिछले साल की तुलना में किसानों में इस बार मूंग व मोठ की बजाए खरीफ सीजन में दलहन के साथ ग्वार की फसल की बुवाई के प्रति किसानों का रुझान रहेगा। गौरतलब है कि जिले में करीब पौने पांच लाख से ज्यादा फसलों की बुवाई से सीधे तौर से जुड़े हुए हैं। इस बार खरीफ सीजन में चार लाख 37 हजार हैक्टेयर में फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है।

इसलिए ज्यादा रुझान

प्रगतिशील किसान शिशुपाल सिंह खरबास ने बताया कि जिले में खरीफ की बुवाई का दौर जून-जुलाई में शुरू होता है। पारपरिक खेती के प्रति युवाओं का रुझान कम होने व ग्वार की फसल में कम मेहनत और अन्य फसलों से ज्यादा भाव होने के कारण किसानों का रुझान बढ़ रहा है। एक ओर जहां खरीफ की अन्य फसलों में निराई-गुडाई की जानी जरूरी होती है। इसके अलावा पककर तेयार होने पर ग्वार की कटाई और थ्रेसिंग भी अन्य फसलों की तुलना में सस्ती पड़ती है। हालांकि पशुपालन के लिए किसान बाजरे की बुवाई भी करेंगे। किसानों के पशुपालन से जुड़ा होने के लिए किसान देसी किस्म के बाजरे की बुवाई करेंगे।

सिंचाई की सुविधा वाले कई किसानों ने मूंगफली जैसी नकदी फसलों के लिए तैयारियों करनी शुरू की है। अधिकांश किसान इस बार प्री मानसून की बारिश के साथ ही अगेती बुवाई शुरू कर देंगे।

इनका कहना है

कृषि खंड की ओर से खरीफ सीजन में किसानों को बांटने के लिए मिनीकिट का आवंटन किया जा रहा है। किसानों को गुणवत्ता परक खाद-बीज मिले इसके लिए विशेष अभियान चलाया गया है। बुवाई के लक्ष्य मुयालय भेज दिए गए हैं।

रामनिवास पालीवाल, संयुक्त निदेशक कृषि