
प्रदूषण मिटाने व कम करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। प्रदूषण एक ऐसा दंश है, जो जीवन लील सकता है। यह कहना था फादर्स चिल्ड्रन सीनियर सैकण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों का। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर राजस्थान पत्रिका की ओर से आयोजित कार्यशाला में विद्यार्थी पार्थ दवे ने कहा कि राष्ट्रीय प्रदूषण रोकथाम दिवस भोपाल गैस त्रासदी में जान गंवाने वाले लोगों की याद में मनाया जाता है। यह गैस त्रासदी वर्ष 1984 में 2 दिसंबर को हुई थी। जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट के कारण कई लोगों की मौत हो गई थी। अध्यापिका सीमा वैष्णव ने कहा कि प्रदूषण को मिटाने की शुरुआत हमें घर से करनी होगी। घरों का कचरा भी इधर-उधर गिराना प्रदूषण का कारण बनता है। ऐसा नहीं करना चाहिए। कचरे को जलाना भी नहीं चाहिए। उसे कचरा संग्रहण वाहनों में डालना चाहिए।
विद्यार्थी नीतू चौधरी ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसे साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करना चाहिए। अध्यापिका अंकिता सोढ़ा ने कहा कि गोइंग ग्रीन का ख्याल रखना चाहिए। हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए।
विद्यार्थी किशन चौधरी ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए। अलंकृता वैष्णव ने कहा कि छोटे-मोटे कार्य के लिए हमें साइकिल का उपयोग करना चाहिए। साइकिल नहीं होने पर पैदल चलना चाहिए। बिलाल खान ने कहा कि प्रदूषित पानी का रियूज किया जाना चाहिए।
विद्यालय डायरेक्टर प्रदीप दवे व दीपका ने कहा कि कचरे का पुन: उपयोग किया जाना चाहिए। जिसका अर्थ है उसे रिसाइकिल किया जाना चाहिए। मनाली राठौड़, पुष्पा चौहान व सुरैया ने प्रदूषण नियंत्रण की नवीन तकनीकों के बारे में बताया।
कार्यशाला में प्रदूषण नियंत्रण के बेहतर उपाय बताने पर विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। पहला पुरस्कार किशन चौधरी, दूसरा पार्थ दवे व अलंकृता तथा तीसरा पुरस्कार नीतू चौधरी को दिया गया।
Updated on:
02 Dec 2024 08:16 pm
Published on:
02 Dec 2024 07:59 pm
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