
जयपुर। कोरोना महामारी के दौरान भी लोगों में मृत्यु भोज का प्रचलन जारी है। इसके चलते कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने सभी जिला पुलिस को मृत्यु भोज निवारण अधिनियम 1960 की सख्ती से पालना कराने के निर्देश जारी किए हैं।
क्राइम ब्रांच के डीआइजी ने आदेश में बताया है कि अधिनियम के प्रावधानुसार मृत्यु भोज होने की सूचना न्यायालय को दिए जाने का दायित्व पंच, सरपंच और पटवारी को दिया गया है। इस अधिनियम की अवहेलना करने वालों के लिए दंड का प्रावधान भी है। जिला पुलिस अधिनियम की पालना कराना सुनिश्चित करें।
दंड का प्रावधान
कोई व्यक्ति मृत्यु भोज का आयोजन करता है या फिर इसमें सहायता करता है, तो उसे एक वर्ष के साधारण कारावास या एक हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया जा सकता है या फिर दोनों सजा दी जा सकती है। यह भी प्रावधान है कि मृत्युभोज करने के लिए उधार रुपए मांगने पर कोई उधार नहीं देगा।
स्टे करना
न्यायालय मृत्युभोज के आयोजन पर स्टे जारी कर सकता है। न्यायालय के स्टे की अवहेलना करने पर एक वर्ष तक का कारावास दंड दिया जा सकता है। मृत्युभोज की सूचना देने का कर्तव्य पंच, सरपंच, पटवारी पर है। वे नजदीक के मजिस्ट्रेट को सूचना नहीं देते हैं तो उन्हें तीन माह तक की जेल हो सकती है।
Published on:
08 Jul 2020 02:23 pm
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