बता दें कि बरसात के दिनों में बाड़ी रोड स्थित छितरिया ताल में जलभराव होने पर इसका पानी ओवरफ्लो होकर सडक़ की तरफ आता है। यहां जगदीश तिराहे समेत आसपास की कॉलोनियों में भारी जलभराव के चलते बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। समस्या को लेकर को पिछले दिनों जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने उक्त ताल के पानी के उपयोग में लेने के लिए पीएचईडी विभाग के अधिकारियों को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे। जिस पर पीएचईडी ने छितरिया ताल के पानी के उपयोग के लिए अमृत योजना 2.0 में शामिल कर सरकार को प्रस्ताव भेजा। जिसे हरी झण्डी मिल चुकी है।
पंप हाउस के जरिए वाटरवक्र्स आएगा पानी छितरिया ताल के पानी को वाटरवक्र्स तक लाने के लिए ताल के पास पंप हाउस का निर्माण होगा। पानी यहां से वाटरवक्र्स के फिल्टर प्लांट में आएगा। यहां से पानी को ट्रीटमेंट कर उसे सप्लाई किया जाएगा। छितरिया ताल से प्रतिदिन एक 10 लाख लीटर (1 एमएलडी) पानी सप्लाई करने की योजना बनाई जा रही है। यह पानी मेडिकल कॉलेज, हाउसिंग बोर्ड और पुरानी छाबनी समेत आसपास के इलाकों में दिया जाएगा।
साल 2034 के हिसाब पीएचईडी ने बनाई योजना शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए पीएचईडी ने साल 2034 तक आबादी घनत्व को देखते हुए अमृत योजना 2.0 में योजना बनाई है। इसमें शहर में बेहतर पानी सप्लाई के लिए 7 पेयजल टंकियों को निर्माण होगा। इसके अलावा 2 सीडब्ल्यूआर, 3 पंप हाउस और 50 किलोमीटर शहर में नई पेयजल लाइन बिछाई जाएगी। इसमें पुराने शहर की क्षतिग्रस्त हो चुकी लाइन को बदला जाएगा। साथ ही नई कॉलोनियों में भी लाइन डाली जाएगी।
शहर में प्रतिदिन 30 एमएलडी पानी सप्लाई वर्तमान में नगर परिषद क्षेत्र में पीएचईडी 30 एमएलडी पानी सप्लाई कर रहा है। एक एमएलडी में 10 लाख लीटर पानी है। इसमें प्रत्येक उपभोक्ता को प्रतिदिन 135 लीटर पानी सप्लाई किया जाता है। शहर में पानी सप्लाई चंबल नदी से होती है। यहां से चंबल लिफ्ट परियोजना के जरिए भरतपुर भी पानी पहुंच रहा है।
छितरिया ताल को लेकर योजना बनाई है। यहां से पानी लेकर शहर के कुछ हिस्से में सप्लाई किया जाएगा। इसके अलावा अमृत 2.0 में नई पेयजल लाइन बिछाने और टंकियों का निर्माण कराया जाएगा। इसको लेकर जल्द निविदा जारी होगी।- आशाराम मीणा, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग