जयपुर। एक वैश्विक अध्ययन में सामने आया है कि गंभीर कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित बच्चों में यह बीमारी केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि उनके हृदय को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (अमरीका) और मर्डोक यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया) के वैज्ञानिकों ने 147 बच्चों के खून के नमूनों का विश्लेषण किया। इसमें पाया गया कि कोविड संक्रमण से बच्चों के शरीर में वसा (ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल) की प्रक्रिया पर असर पड़ता है, जो दिल की सेहत के लिए जरूरी है।
मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर जेरमी निकोल्सन ने बताया कि यह शोध इस धारणा को चुनौती देता है कि बच्चों को कोविड से कम खतरा होता है, क्योंकि उनके लक्षण हल्के होते हैं।
शोध में यह भी पता चला कि कोविड से जुड़े एमआइएस-सी (मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रन) नामक स्थिति से पीड़ित बच्चों में दिल को ज्यादा नुकसान होता है। यह बीमारी शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है और हृदय की मांसपेशियों व रक्त वाहिकाओं को भी क्षति पहुंचा सकती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि भले ही बच्चों को सांस संबंधी गंभीर लक्षण कम होते हैं, लेकिन उनके खून में होने वाले जैविक बदलाव वही हैं जो वयस्कों के गंभीर कोविड मामलों में देखे गए हैं। इससे पता चलता है कि बच्चों पर भी लंबे समय तक कोविड का असर हो सकता है।
प्रोफेसर जूलियन विस्ट ने कहा, "अब हमें बच्चों पर कोविड के लंबे समय तक पड़ने वाले प्रभावों को लेकर और अधिक रिसर्च की जरूरत है।"
Published on:
14 Jun 2025 07:02 pm