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Good News: देश में बढ़ रहा स्लीप टूरिज्म, घूमने के साथ सोकर मनाएं छुट्टी

पुष्कर में टेंट हाउस में इसकी शुरुआत हुई है। अजमेर में अरावली पर्वतमाला और अन्य स्थानों में भी इसे बढ़ावा दिया जाए तो पर्यटकों के साथ राजस्व में इजाफा हो सकता है।

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sleep tourism in india

sleep tourism in india

अजमेर. भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ दिन आराम और सुकून की नींद लेना सभी पसंद करते हैं। खासतौर पर तनाव और चिंता के चलते तो नींद नहीं आती है। ऐसे में देश के कई हिस्सों में स्लीप टूरिज्म बढ़ रहा है। लोग छुट्टियां लेकर घूमने के बजाय नींद पूरी करने विभिन्न पर्यटक स्थलों पर जा रहे हैं। पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां उन्हें यह अवसर मुहैया करा रही हैं। पुष्कर में टेंट हाउस में इसकी शुरुआत हुई है। अजमेर में अरावली पर्वतमाला और अन्य स्थानों में भी इसे बढ़ावा दिया जाए तो पर्यटकों के साथ राजस्व में इजाफा हो सकता है।

यह है स्लीप टूरिज्म

लोग सैर-सपाटे के साथ नींद लेना और शांत वातावरण में सुस्ताना पसंद करते हैं। इन पर्यटक स्थलों के प्राकृतिक वातावरण में आराम करने का समय मिलता है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां समुद्र, जंगलों, बर्फीली वादियों, नदियों-झरनों के निकट टेंट अथवा रिसॉर्ट में सोने के अलावा खान-पान की व्यवस्था कर रही हैं।

पुष्कर-अजमेर है टूरिज्म हब

पुष्कर और अजमेर टूरिज्म के हब हैं। यहां प्रतिवर्ष 1.50 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट आते हैं। अजमेर में सोनीजी की नसियां, ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती, नारेली तीर्थ, पुष्कर में प्रजापिता ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर सरोवर, सावित्री मंदिर सहित रेतीले धोरे हैं। भारत आने वाले विदेशी पर्यटक खास तौर पर पुष्कर आते हैं। उन्हें यहां की सनातन संस्कृति लुभाती है। कई विदेशी तो भाषा और सनातन संस्कृति से जुड़े संस्कार सीखने पुष्कर आते हैं। इजरायल के पर्यटकों का पूजा स्थल बेथखबाद भी यहीं है। पुष्कर और अजमेर में जर्मनी, इटली, फ्रांस, इंग्लैंड, रूस, इजरायल, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्वीडन सहित अन्य देशों से पर्यटक आते हैं।

खूबरसूरत हैं नजारे

अरावली पर्वतमाला के नजारे खूबसूरत हैं। यह दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वतमाला है। सर्पीलेपहाड़ पर पर्वतारोहण को बढ़ावा मिल सकता है। नेचर वॉक, कैंप फायर के लिए भी यह बेहतरीन है। बरसात के दौरान बादल अरावली पर्वतमाला पर मंडराते देखे जा सकते हैं। जल्द अजमेर के काजीपुरा इलाके में लेपर्ड सफारी तैयार होने वाली है। यह टूरिस्ट के आकर्षण का केंद्र बनेगी।

इन स्पॉट पर सर्वाधिक आवाजाही

गोवा, शिमला और कश्मीर: 80 प्रतिशत

पचमढ़ी, ऋषिकेश, लोनावला: 50 प्रतिशत

दार्जीलिंग, सिलीगुढ़ी, मसूरी: 55 प्रतिश

तवायनाड, कच्छ, त्रिचूर, शिलॉन्ग: 45 प्रतिशत

देहरादून, आइजॉल, माऊंट आबू: 35 प्रतिशत

यों बढ़ रहा पर्यटन....

-20 प्रतिशत लोग पहुंच रहे अच्छी नींद लेने

45 प्रतिशत पहुंच रहे सैर-सपाटे के लिए

25 प्रतिशत लोग देखते हैं प्राकृतिक नजारे

15 प्रतिशत खरीदारी और साहसिक स्पर्धाओं के लिए

अजमेर-पुष्कर में मिल सकते हैं यह फायदे

-अरावली पर्वतमाला में आराम करने का समय

-लग्जरी होमस्टे में ठहरने का अनुभव

-योग, ध्यान और आयुर्वेद उपचारों का लाभ

-माकड़वाली-होकरा के धोरों में रुकने का अनुभव

-अजमेर की धुंध से ढकी पहाडिय़ां और शांत वातावरण

-तारागढ़, नाग पहाड़ में प्रकृति के करीब रहने का अवसर

-नारेली में शोर-शराबे से कुछ दिन दूर रहने का मौका

लोग सैर-सपाटे के अलावा अच्छी नींद और तनाव मुक्ति के लिए प्रकृति के बीच रहना पसंद कर रहे हैं। पुष्कर में टेंट हाउस में शुरुआत हुई है। नाग-पहाड़ और अन्य इलाकों में ऐसे स्पॉट चिन्हित करें तो पर्यटन बढ़ेगा।

राजेंद्र सिंह राठौड़, संरक्षक पुष्कर होटल एसोसिएशन

देश में स्लीप टूरिज्म में 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो चुकी है। अजमेर-पुष्कर में पर्यटन के हब हैं। आधारभूत संसाधन विकसित किए जाएं तो पर्यटक ज्यादा आकर्षित होंगे।

प्राे. शिवप्रसाद कॉमर्स-मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष मदस विवि