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अधीक्षक का दावा…अलवर जेल का नहीं वीडियो, सवाल – कौन ऑपरेट कर रहा फिरोज का सोशल मीडिया अकाउंट

हिस्ट्रीशीटर फिरोज खान मन्नाका के सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किए गए वीडियो को लेकर जेल अधीक्षक शिवेन्द्र शर्मा का दावा है कि ये वीडियो अलवर जेल का नहीं है। ऐसे में यह बड़ा सवाल उठता है कि फिरोज खान जेल में बंद है तो फिर उसका सोशल मीडिया अकाउंट कौन ऑपरेट कर रहा है ?

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अलवर

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Umesh Sharma

Jul 29, 2024

अलवर.

हिस्ट्रीशीटर फिरोज खान मन्नाका के सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किए गए वीडियो को लेकर जेल अधीक्षक शिवेन्द्र शर्मा का दावा है कि ये वीडियो अलवर जेल का नहीं है। ऐसे में यह बड़ा सवाल उठता है कि फिरोज खान जेल में बंद है तो फिर उसका सोशल मीडिया अकाउंट कौन ऑपरेट कर रहा है ? कहीं फिरोज ही जेल में मोबाइल चला रहा हो और उसने ही यहां से किसी अन्य जेल का वीडियो अपलोड किया हो। अलवर जेल में हार्डकोर अपराधियों से पास से मोबाइल बरामद होते रहे हैं। ऐसे में जेल में फिरोज के पास मोबाइल होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

फिरोज सरकार मन्नाका नाम से बने सोशल मीडिया अकाउंट पर पिछले एक सप्ताह के दौरान दो वीडियो अपलोड किए गए हैं। जिनमें एक फिरोज को कोर्ट में पेश करने के दौरान का है तथा दूसरा वीडियो जेल के भीतर का है। जेल के वीडियो में बंदी नहाते-धोते, चंगा-पो खेलते और बैरकों के आगे आराम फरमाते नजर आ रहे हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। अलवर सेंट्रल जेल के अधीक्षक शिवेन्द्र शर्मा का कहना है कि वायरल वीडियो केन्द्रीय कारागार अलवर का नहीं है। किसी अन्यत्र स्थान का है। कार्यालय स्तर पर कारागृह में लगातार आकस्मिक तलाशी करवाई जाकर बंदियों द्वारा कारागृह में निषिद्ध सामग्री की रोकथाम की जा रही है तथा कार्मिकों और बंदियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। 25 जुलाई को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से कारागृह में पुलिस जाप्ते के साथ आकस्मिक तलाशी करवाई गई, जिसमें किसी प्रकार की कोई निषिद्ध सामग्री बरामद नहीं हुई।

अलवर जेल का अपराध से रहा है पुराना नाता

उल्लेखनीय है कि अलवर सेंट्रल जेल का अपराध से पुराना नाता रहा है। वर्तमान में यहां 850 से ज्यादा बंदी हैं। जिनमें राजस्थान और हरियाणा के हार्डकोर अपराधियों की संख्या भी काफी है। कुछ महीनों पहले तलाशी के दौरान अलवर जेल में बंदियों के बैरक और गटर के भीतर से आधा दर्जन से ज्यादा मोबाइल और सिम बरामद हुए थे। पिछले कुछ सालों में अलवर जेल में बंदियों के पास से दर्जनों मोबाइल बरामद हो चुके हैं। पूर्व में अलवर जेल में बैठकर हार्डकोर अपराधियों ने कई बड़ी साजिशें रची हैं। इन अपराधियों को जेल कर्मियों को भी पूरा सहयोग रहा था। जेल के भीतर भी अपराधियों के बीच कई बार संघर्ष हो चुका है।

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अलवर जेल को सुरक्षित है बड़े अपराधी

एनसीआर और मेवात क्षेत्र के बड़े अपराधी गिरोह अलवर जेल को काफी सुरक्षित मानते हैं। यहां आने के लिए बड़े अपराधी गिरोह तरह-तरह के षड्यंत्र रचते हैं। अलवर शहर में अलवर-तिजारा रोड स्थित दूध मिष्ठान भंडार, सांई लीला रेस्टोरेंट और होटल ओल्ड राव पर तिहाड़ जेल में बंद एनसीआर की गोगी गैंग के बदमाशों ने अपने गुर्गों से फायरिंग करा मोटी रंगदारी मांगी थी, ताकि अलवर पुलिस उनके तिहाड़ जेल से लाकर अलवर जेल में शिफ्ट कर दें।