अनूपपुर। प्रतिवर्ष धान की खेती से पूर्व आदिवासी समुदाय के द्वारा अच्छी बारिश तथा फसल की कामना लेकर इंद्र देव की पूजा करते हैं। अच्छी पैदावार हो उन्हें अनाज अर्पित कर प्रसन्न करने पूजा अर्चना भी किया जाता है। स्थानीय भाषा में उनके द्वारा इसे बेदरी इंद्र कहा जाता है। बताया जाता है कि बारिश के आगमन से पूर्व प्रतिवर्ष आदिवासी समुदाय इसके लिए देवी चौरा में एकजुट होते है, जहां पारंपरिक रस्मों के साथ इंद्र देव की आराधना करते हैं। जिसके बाद सबसे पहले इंद्रदेव को अनाज अर्पित की जाती है। जिससे वह प्रसन्न हो और अच्छी पैदावार हो सके।[typography_font:18pt]बॉक्स: कभी भी नहीं होती है परेशानी[typography_font:18pt]अनूपपुर जनपद के ग्राम पंचायत दैखल के ग्रामीण ७१ वर्षीय भागीरथी सिंह बताते हैं कि प्रतिवर्ष ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वादशी के दिन यह पूजा की जाती है । इसके साथ ही किसी भी तरह का कृषि कार्य आज के दिन नहीं किया जाता है। जिसका परिणाम है कि आज तक इस गांव में कभी भी सूखे की स्थिति निर्मित नहीं हुई है और पर्याप्त बारिश होने के कारण लोगों के अनाज भंडार भरे रहते हैं।[typography_font:18pt;" >----------------------------------------------