
75th Independence Day: देश की आज़ादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर ‘आजादी का अमृत’ महोत्सव मनाया जा रहा है। आज़ादी के बाद से भारत की तरक्की में खेलों का अपना योगदान रहा है। क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन, फुटबाल और टेनिस में भारत ने शानदार प्रदर्शन कर विश्व में पना एक अलग नाम बनाया है। तो आइए इस मौके पर जानते हैं कुछ ऐसे खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है।
सचिन तेंदुलकर -
क्रिकेट का नाम सुनते ही जहान में पहला नाम मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का आता है। सचिन को क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता है। आज विश्व में भारत को क्रिकेट का सुपरपावर बनाने का श्रेय सचिन को ही जाता है। तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इनके नाम सर्वाधिक रन, सर्वाधिक शतक और सबसे पहल दोहरा शतक है | भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।
मिल्खा सिंह -
'फ़्लाइंग सिख’ के नाम से मशहूर फर्राटा धावक मिल्खा सिंह भारत के प्रसिद्ध धावक व एथलीट थे। इनका जन्म 8 अक्टूबर 1935, लायलपुर (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। मिल्खा सिंह का नाम सुर्ख़ियों में तब आया जब उन्होंने कटक में हुए राष्ट्रीय खेलों में 200 तथा 400 मीटर में रिकॉर्ड तोड़ था। 1958 में उन्होंने टोकियो में हुए एशियाई खेलों में 200 तथा 400 मीटर में एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीते थे| इसी वर्ष कार्डिफ (ब्रिटेन) में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था| उनकी इन्हीं सफलताओं के कारण 1958 में भारत सरकार द्वारा उन्हें ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया।
अभिनव बिंद्रा -
अभिनव बिंद्रा का जन्म 28 सितम्बर 1982 को देहरादून उत्तराखंड में हुआ था। अभिनव बिंद्रा 10 मीटर एयर रायफल स्पर्धा में भारत के एक प्रमुख निशानेबाज हैं। 19 वर्ष की आयु में अभिनव बिंद्रा को देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। वह ‘अर्जुन पुरस्कार’ और 'खेल रत्न पुरस्कार' पाने वाले सबसे कम आयु के खिलाड़ी हैं। अभिनव बिन्द्रा ने 11 अगस्त, 2008 को बीजिगं में आयोजित 29वें, ओलंपिक खेलों में 10 मीटर एयर राइफल निशानेबाजी प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीतकर इतिहास रच डाला| ओलंपिक में वैयक्तिक स्पर्धा में गोल्ड मैडल जीतने वाले वे भारत के पहले निशानेबाज बन गए। भारत को 28 साल बाद ओलंपिक में गोल्ड मैडल मिला। 2004 के एथेंस ओलंपिक में अभिनव बिन्द्रा ने सातवां स्थान प्राप्त किया था।
लिएंडर पेस -
लिएंडर पेस का जन्म 17 जून 1973 को कोलकाता में हुआ था। लिएंडर पेस भारत के टेनिस खिलाड़ी हैं।वह भारत के सफलतम टेनिस खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने कई युगल एवं मिश्रित युगल स्पर्धाएं जीती हैं। उनको भारत का खेल जगत में सबसे बड़ा पुरस्कार खेल रत्न पुरस्कार 1996-1997 में दिया गया और साथ ही 2001 में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। युगल मैचों के अलावा उन्होंने डेविस कप टेनिस स्पर्धा में भारत के लिये कई यादगार जीतें हासिल की और 1996 अटलांटा ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता है।
बाईचुंग भूटिया -
बाईचुंग भूटिया का जन्म 15 दिसंबर 1976 को सिक्किम में हुआ। भूटिया लंबे समय तक भारतीय फुटबल टीम के कप्तान रहे हैं। उनका योगदान भारतीय फुटबाल के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है, उनका खेलने का अलग अंदाज है, उनमें उत्तम दर्जे की स्ट्राइक करने की क्षमता है। वह भारत के पहले फुटबाल खिलाड़ी है जिन्हें इंग्लिश क्लब के लिए खेलने के लिए आमंत्रित किया गया था। 1998 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ जीतने वाले बाइचुंग भूटिया अपने प्रशंसकों की बीच अंतरराष्ट्रीय फुटबाल क्षेत्र में भारतीय फुटबाल टीम के मार्गदर्शक के नाम से जाने जाते हैं।
कपिल देव -
कपिल देव का जन्म 6 जन्वरी 1959 में हुआ था। 1983 के क्रिकेट विश्वकप में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे और उनके नेतृत्व में टीम ने विश्वकप जीतने का गौरव प्राप्त किया। वे विस्डेन द्वारा वर्ष 2002 में ‘सदी के भारतीय क्रिकेटर’ चुने गये। कपिल ने भारत ने लिए वनडे क्रिकेट में पहला शतक लगाया था। इसके अलावा ऑलराउंडर के तौर पर उन्होंने ढेरों रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।
राहुल द्रविड़ -
राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं। अक्टूबर 2005 में वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में नियुक्त किये गए और सितम्बर 2007 में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया। 16 साल तक भारत का प्रतिनिधित्व करते रहने के बाद उन्होंने वर्ष 2012 के मार्च में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। द्रविड़ को वर्ष 2000 में पांच विसडेन क्रिकेटरों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया। द्रविड़ को 2004 के उद्घाटन पुरस्कार समारोह में आईसीसी प्लेयर ऑफ़ द ईयर और वर्ष के टेस्ट प्लेयर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लम्बे समय तक बल्लेबाजी करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें दीवार के रूप में जाना जाता है, द्रविड़ ने क्रिकेट की दुनिया में बहुत से रिकॉर्ड बनाये हैं। द्रविड़ बहुत शांत व्यक्ति है। “दीवार” के रूप में लोकप्रिय द्रविड़ पिच पर लम्बे समय तक टिके रहने के लिए जाने जाते हैं। सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर के बाद वे तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दस हज़ार से अधिक रन बनाये हैं। 14 फ़रवरी 2007 को, वे दुनिया के क्रिकेट इतिहास में छठे और भारत में सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली के बाद तीसरे खिलाड़ी बन गए जब उन्होंने वनडे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दस हज़ार रन का स्कोर बनाया। वे पहले और एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्होंने सभी 10 टेस्ट खेलने वाले सभी राष्ट्र के विरुद्ध शतक बनाया है। 210 से अधिक कैच के साथ वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच का रिकॉर्ड द्रविड़ के नाम है।
अंजू बॉबी जॉर्ज -
अंजू बॉबी जॉर्ज वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली इकलौती भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। केरल में 19 अप्रैल 1977 को अंजू बॉबी जॉर्ज का जन्म हुआ था। बचपन से ही उनके माता पिता ने अंजू को खेल के लिए प्रोत्साहित किया। परिवार का साथ मिला तो उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीते। बाद में उनकी शादी लंबी कूद का राष्ट्रीय चैंपियन रहे रॉबर्ट बाॅबी जाॅर्ज से हुई। जार्ज भी लंबी कूद की खिलाड़ी हैं। साल 2003 में पेरिस में आयोजित हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में अंजू बाॅबी भारत के लिए कांस्य पदक जीता, जिसके बाद वह भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं।
झूलन गोस्वामी-
झूलन गोस्वामी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान रह चुकी हैं। झूलन गोस्वामी की उपलब्धियों के बारे में बात करें तो वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2000 से ज्यादा ओवर लेने वाली दुनिया की इकलौती गेंदबाज हैं। बंगाल में जन्मी झूलन गोस्वामी के पिता निशित गोस्वामी इंडियन एयरलाइंस में काम करते हैं। झूलन की मां को बचपन में उनका गली में लड़कों संग क्रिकेट खेलना पसंद नहीं था। उनकी धीमी गेंदबाजी पर मोहल्ले के लड़के चौके-छक्के लगाया करते थे। लेकिन झूलन ने अपने प्रदर्शन को बेहतर करके सबको जवाब दिया। एक दिन ऐसा भी आया जब झूलन गोस्वामी महिला वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गईं। उन्होंने कुल 333 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं।
पीवी सिंधु -
देश के लिए ओलम्पिक में महिला एकल बैडमिंटन प्रतियोगिता में 2 पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी पी वी सिंधु हैं। इनका जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ था , इनका पूरा नाम पुसर्ला वेंकट सिंधु है। पी वी सिंधु भारत की पहली ऐसी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिसने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। पी वी सिंधु की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि टोक्यो और रिओ ओलम्पिक में रजत और कांस्य पदक प्राप्ति है। भारत सरकार ने सिंधु को उनकी असाधारण खेल उपलब्धि के लिए साल 2016 में राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार, साल 2015 में पद्म श्री तथा साल 2013 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा है। हालही में सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता है।
Updated on:
13 Aug 2022 05:45 pm
Published on:
13 Aug 2022 03:29 pm
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