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Mahendra Singh Dhoni ने सिखाया सबक, सपने देखो-पूरा करो और दूसरों को भी प्रेरणा दो

कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार शाम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास। छोटे शहर से दुनिया पर छाने वाले धोनी ने अपने अनोखे अंदाज से जीता लोगों का दिल। सपने देखना, उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करना और अच्छा इंसान बने रहने का मैसेज।

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MS Dhoni shows to dream and dare

MS Dhoni shows to dream and dare

नई दिल्ली। एक लड़का जिस वक्त झारखंड के रांची में क्रिकेट की प्रैक्टिस करते हुए इंटरनेशनल क्रिकेट में छा जाने के सपने देख रहा था, उस वक्त ऐसी हिम्मत करने वाले बहुत कम ही होते थे। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने इस सपने को ना केवल पूरी तरह जिया बल्कि दूसरो को भी ऐसा सपना देखने, उसके लिए मेहनत करने और उसे पाने का हौसला भी दिया। भले ही देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस की शाम धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया हो, लेकिन उनका यह जीवन ना केवल क्रिकेट बल्कि हर क्षेत्र के युवाओं के लिए एक बड़ा संदेश है।

अपने क्रिकेट करियर में दो वर्ल्ड कप जीतने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया में अपनी जगह बनाने के बाद ना केवल इसे बहुत बेहतरीन ढंग से लीड किया, टीम के साथियों में भी हौसला जताया कि सब मिलकर इतिहास रच सकते हैं। धोनी ने टीम इंडिया और क्रिकेट को नई ऊंचाईयां दीं और कई नए व बेहतरीन प्रयोग करके अच्छे-अच्छों की बोलती भी बंद कर दी। उनके हेलीकॉप्टर शॉट की ऊंचाई और अनोखी स्टाइल हर क्रिकेट प्रशंसक को हैरान कर देती है।

जिस वक्त देशवासियों को उम्मीद थी कि धोनी अगले साल 2021 क्रिकेट विश्व कप खेलेंगे, उन्होंने एकदम से बिना किसी की उम्मीद के संन्यास की घोषणा कर प्रशंसकों को मायूस कर दिया, लेकिन यह भी धोनी की ही स्टाइल है कि कब वह कौन सा फैसला ले लें, कोई नहीं जानता।

एक छोटे शहर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टीम इंडिया को शानदार मुकाम दिलाने वाले धोनी ने लोगों को साबित करके दिखाया कि कैसे अपने सपनों को जिया जाता है। कितने भी खराब हालात हों, लेकिन क्रिकेट पिच पर धोनी की मौजूदगी या धोनी अभी आएगा, यही विपक्षी टीम को दबाव में ले जाने के लिए काफी होता था। सूझबूझ, रणनीति और दूसरे छोर के खिलाड़ी को समझा-बुझाकर कठिन हालात से मैच को जीत की ओर ले जाते हुए धोनी को हर किसी ने देखा है, लेकिन इस दौरान चेहरे पर भावनाओं को ना आने देना उनकी एक और अलग खूबी रही। धोनी ने यह सिखाया कि कैसे आपका प्रदर्शन आपके ऊपर लोगों का भरोसा बढ़ाता है।

सवा सौ करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले जिस देश में लोगों के लिए क्रिकेट देखना सबसे जरूरी कामों में से एक होता हो, वहां पर एक झुग्गी-झोपड़ी से लेकर कोठी के भीतर तक धोनी ने अपनी छाप छोड़ी। धोनी ने क्रिकेट में अप्रत्याशित फैसले लिए और उन्हें सही साबित भी किया। उन्होंने कई बार ऐसे काम किए जिसे अच्छे-अच्छे क्रिकेटर भी करने के बारे में सोच नहीं सकते।

धोनी हर तबके के लिए रोल मॉडल बने और कैप्टन कूल, मिस्टर भरोसेमंद, विस्फोटक बल्लेबाज, पिच के थर्ड अंपायर, DRS यानी धोनी रिव्यू सिस्टम, स्टाइल मैन, विकेट कीपिंग के शहंशाह समेत ना जाने कितने नामों से पहचाने गए। वो धोनी ही हैं, जो आपके जीवन के सबसे बड़े सपने को पूरा करने के चुनौतीपूर्ण आखिरी लम्हे पर सिक्सर जड़कर उसे पाने का मैसेज दे सकते हैं। धोनी ही आपको 2007 के T20 वर्ल्ड कप का आखिरी ओवर की जिम्मेदारी जोगिंदर शर्मा के कंधों पर डालने और इसके परिणाम को लेकर आश्वस्त होने के बारे में सोचने की सीख दे सकते हैं।

धोनी ने उन्हें लेकर मशहूर हुए डॉयलॉग- अनहोनी को कर दे होनी- धोनी, को सही भी साबित किया है। 350 वन मैच, 90 टेस्ट मैच और 98 T20 मैच खेल चुके धोनी ने एक वनडे, एक T20 विश्वकप में भारत को यादगार जीत दिलाई। उन्होंने अपनी मुस्कुराहट और कई बार हाजिर जवाबी से लोगों को अपना एक अलग रूप भी दिखाया। इन सबसे अलग वह एक शानदार इंसान भी हैं, और उनके करियर में उनके खिलाफ ऐसा कोई भी आरोप जान नहीं पड़ता है। धोनी ने एक अलग इबारत लिखी और क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखने के लिए जरूरी से भी ज्यादा शानदार काम करके दिखाए।