बता दें कि राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में पदक जीतने के लिए संकेत महादेव सरगर ने काफी कड़ी मेहनत की है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में हुई कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में संकेत ने नेशनल रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन अब उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पदक जीतकर भारत का मान पूरे विश्व में बढ़ा दिया है।
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संकेत के पिता महादेव आनंदा सरगर बताते हैं के उनके बेटे संकेत की जिंदगी इतनी आसान नहीं थी। कभी मेरे पास उनकी उसकी फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे उसने अपने सपने पूरा करने के लिए अपना पूरा बचपन कुर्बान कर दिया। जब बच्चे जिस उम्र में खेलना कूदना सीखते हैं तो उसने प्रशिक्षण लेना शुरू किया था।बता दें कि संकेत के पिता महाराष्ट्र के सांगली में एक छोटी सी पान और चाय की दुकान चलाते हैं। संकेत के पिता कहते हैं कि बेटे की मेहनत नहीं मुझे फल दिया है। जो मैं नहीं कर सका वह बेटे ने कर दिया। मैं खुद खेलना चाहता था लेकिन आर्थिक स्थिति मजबूत ना होने के कारण मेरा सपना अधूरा रह गया लेकिन अब मेरे सपने को बेटे ने पूरा कर दिया है।