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विदेश में रहने वाले भारतीय शमशीर ने श्रीजेश के लिए खोला अपना खजाना, देंगे एक करोड़ का नगद पुरस्कार

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल हॉकी में कांस्य पदक जीता। टीम के गोलकीपर श्रीजेश ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके शानदार प्रदर्शन से विदेश में रहने वाले भारतीय शमशीर वायलिल ने एक करोड़ के नगद पुरस्कार की घोषणा की।

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नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) के गोलकीपर पीआर श्रीजेश (goalkeeper pr sreejesh) को एक बार फिर अपनी टीम को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल करने में मदद करने के लिए सराहना मिली है। खाड़ी देशों में रहने वाले एक भारतीय व्यवसायी ने श्रीजेश को एक करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। यह शख्स संयुक्त अरब अमीरात स्थित वीपीएस हेल्थकेयर के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शमशीर वायलिल हैं।

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श्रीजेश ने कांस्य पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई
कोच्चि के रहने वाले श्रीजेश ने मैच के आखिरी कुछ सेकेंड में शानदार बचत करते हुए भारत को दशकों बाद कांस्य पदक दिलाया। श्रीजेश ने वायलिल को उनके संदेश और सराहना के भाव के लिए धन्यवाद दिया। टोक्यो के सफल अभियान के बाद सोमवार को भारत लौटने वाले श्रीजेश को इस महीने के अंत में कोच्चि में एक विशेष समारोह में नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया और पुरुष टीम ने कांस्य पदक जीत लगभग चार दशक का सूखा खत्म किया। गत गुरूवार को मनप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर हॉकी में कांस्य पदक जीता जो टीम का 41 वर्षों बाद ओलंपिक में पहला पदक है।

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यह सुनिश्चित करना होगा कि अगले पदक के लिए चार दशक ना लगे
1984 ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले जोअक्वीइम कारवाल्हो ने कहा, ऐसी चार चीजें हैं जिसपर सफलता हासिल करने के लिए जल्द ही ध्यान देने की जरूरत है। पहला खिलाड़ियों की सप्लाई लाइन में सुधार करना, सब जूनियर लेवल से ही राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग सुविधा देना और एक्सपोजर ट्रिप देना। एक चीज स्पष्ट है कि खिलाड़ियों ने अपना काम बखूबी किया है। यह अब प्रशासकों पर है कि वे चीजों को सुधारें और यह सुनिश्चित करें कि ओलंपिक में अगले पदक के लिए और चार दशकों का इंतजार नहीं करना पड़े।


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