
Supriti Kachhap
Khelo India Youth Games 2022 and Supriti kachhap: सुप्रीति कच्छप जो झारखंड के घाघरा प्रखंड की बुरहू गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने हाल में ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन अब इस प्रतिभाशाली एथलीट के पास कोलंबिया में होने वाली अंडर 20 विश्व कप एथलेटिक्स प्रतियोगिता में पहनने के लिए जूते नहीं है। क्या हमारे देश के पास इतने संसाधन नहीं है कि इस होनहार खिलाड़ी को जूते तक उपलब्ध करवाए जा सके? बता दें कि झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके से निकलकर, आर्थिक परिस्थितियों को पीछे छोड़ते हुए सुप्रीति ने यह मुकाम हासिल किया है लेकिन जब किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा होता है तो बुरा लगता है
बड़े संघर्ष से यहां तक पहुंची हैं सुप्रीति
बता दें कि सुप्रीति ने हाल में ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 3000 मीटर में दौड़ लगाई थी। सुप्रीति ने इस दौड़ में 4 साल पहले बने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए मात्र 9.46 सेकंड में यह दौड़ पूरी की, इससे पहले यह रिकॉर्ड हिमाचल प्रदेश की सीमा के नाम था जिन्होंने 9.50 मिनट में इस दौड़ को खत्म किया था। बेहद गरीब परिवार और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग से आने वाली इस खिलाड़ी के पास नए जूते खरीदने के लिए पैसे नहीं है।
बता दें कि सुप्रीति झारखंड के जिस इलाके से आती हैं वह नक्सल प्रभावित इलाका है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि वह जब 1 साल की थी तब उनके पिता की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया और मां ने ही मुझे पाला पोसा। इसके बाद जिला मुख्यालय के एक स्कूल में मेरा एडमिशन कराया।
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इसी दौरान राज्य सरकार के एक एथलेटिक्स कोच रंजन तिवारी की नजर उन पर पड़ी और उनका नामांकन एथलेटिक सेंटर में कराया। इसके बाद सुप्रीति की किस्मत चमक गई और एक के बाद एक उन्होंने दौड़ लगाकर कुल 13 पदक हासिल किए। लेकिन उन्हें पहचान खेलो इंडिया यूथ गेम 2022 में मिली, जब उन्होंने रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता।
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Updated on:
08 Jul 2022 08:35 pm
Published on:
08 Jul 2022 08:34 pm
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