रवि दहिया कुश्ती के ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाले भारत के दूसरे पहलवान हैं। इससे पहले सुशील कुमार 2012 ओलंपिक में फाइनल में पहुंच कर सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। इससे पहले दीपक ने सेमीफाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान के पहलवान सनायव नूरिस्लाम को हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी। सेमीफाइनल मुकाबले में रवि दहिया ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। सेमीफाइनल में रवि शुरुआत में पिछड़ गए थे। दूसरे राउंड में नुरइस्लाम सनायेव ने 9-2 की बढ़त हासिल कर ली थी। यहां से रवि की वापसी मुश्किल लग रही थी, लेकिन रवि ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए वापसी की और 3 अंक जुटाकर अंतर 5-9 का कर दिया। इसके बाद जब एक मिनट का खेल बचा था तो रवि ने पहले ही दांव पर नुरइस्लाम की टांग पकड़कर उसे पलटते हुए 2 अंक और जुटाए और उसके बाद चित करते हुए जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही रवि ने सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था।
रवि दहिया का जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव में हुआ था। रवि ने छोटी उम्र में ही पहलवानी में अपना लोहा मनवा लिया था। उन्होंने 2015 में जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद वर्ष 2018 में अंडर 23 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। वर्ष 2020 में एशियाई कुश्ती में चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया। वर्ष 2019 में नूर सुल्तान, कजाखस्तान में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर ओलंपिक का कोटा हासिल किया।
वहीं महिला कुश्ती में दुनिया की नंबर-1 भारतीय पहलवान विनेश फोगाट क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार गईं। क्वार्टर फाइनल में उनका मुकाबला रूस की वैनेसा क्लाडजिंस्कया से हुआ। 53 किलो भारवर्ग के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में विनेश को 9-3 से हार का सामना करना पड़ा। वहीं विनेश अब रेपचेज राउंड में कांस्य के लिए भी नहीं खेल पाएंगी। बेलारूस की वैनेसा अपना सेमीफाइनल मैच हार गई हैं। उन्हें चीन की Qianyu Pang ने हराया। वैनेसा अगर ये मैच जीतकर फाइनल में पहुंचतीं तो विनेश रेपचेज राउंड के तहत कांस्य पदक की रेस में बनी रहतीं।