
Anupgarh News: राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2024 के माध्यम से अनूपगढ़ जिले को 10,003.81 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव (एमओयू) प्राप्त हुए थे। इस महत्वपूर्ण पहल से अनूपगढ़ को औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था, लेकिन अब अनूपगढ़ को जिला बनाए रखने का निर्णय वापस ले लिया गया है, जिससे इन निवेश प्रस्तावों पर गंभीर असर तो पड़ ही सकता है, साथ ही बाजार में भी मंदी रहेगी।
यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार का इस कदम से अनूपगढ़ का विकास 10 साल पिछड़ जाएगा। यह आंकलन टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमर कुक्कड़ तथा सचिव रमेश शेवकानी ने किया है। उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ को 188 एमओयू प्राप्त हुए थे, जिनमें से सबसे अधिक निवेश सोलर ऊर्जा क्षेत्र (1,300 करोड़ रुपए) में हुआ है।
इसके अतिरिक्त कृषि आधारित उद्योगों के लिए निवेश प्रस्ताव, परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए विकास योजनाओं से क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होना था, लेकिन अब जिला निरस्त होने के कारण निवेशक मायूस हो गए हैं।
जिला मुख्यालय बनने के कारण निवेशक अनूपगढ़ में निवेश के प्रति आश्वस्त हुए थे। अब जिला निरस्त हो गया लोगों का सरकार पर भरोसा टूट गया है, जिससे एमओयू केवल कागजों तक सीमित रह जाएंगे। शेवकानी ने कहा कि जिला रहने से संबंधित औद्योगिक योजनाएं लागू होने में तेजी आती। निरस्तीकरण के बाद इन परियोजनाओं को स्थगित या निरस्त किया जा सकता है।
वहीं सोलर ऊर्जा, कृषि आधारित उद्योग और एमएसएमई क्षेत्रों में रोजगार सृजन की संभावनाएं थीं। जिला बनने के बाद बाहर के निवेशकों ने रुचि दिखाई थीं। अब जिला निरस्त होने के बाद बाहर के निवेशकों की यहां रूचि खत्म हो जाएगी। शेवकानी ने कहा कि जिला निरस्त होने के कारण विकास के सपनों को झटका लगेगा। महंगे दामों पर खरीद की गई प्रोपर्टी के दाम गिर गए है।
अभी फिलहाल कोई खरीददार ही नहीं है, जिससे कि लोगों की राशि चल से अचल में बदल गई है। चल संपति ही बाजार में गति लाती है, चल संपति के अचल संपति में बदलने के कारण बाजार में लेन-देन की प्रवृति पर असर पड़ेगा। सरकार को जिला निरस्त करना ही था तो सरकार बनते ही कर देती, जिससे यहां के लोग आज जिस स्थिति से गुजर रहे हैं, कम से कम वह तो नहीं होती।
Published on:
02 Jan 2025 09:14 am
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