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कागजों में जंगल उगा दिया, नजर आ रही बस पत्तियां

-पौधरोपण की 3.82 प्रतिशत ही जियो टैगिंग -जिले की 344 ग्राम पंचायतों में पौधरोपण लक्ष्य छह लाख का,लेकिन सिर्फ़ 23,850 पौधे ही दर्ज

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  • श्रीगंगानगर.जिले में हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पंचायत समितियों को छह लाख से अधिक पौधरोपण का जिम्मा तो दे दिया गया, लेकिन ज़मीनी सच्चाई यह है कि अब तक सिर्फ़ 3.82 प्रतिशत पौधों की ही जियो टैगिंग हो पाई है। जिला परिषद की ओर से तय 6,19,200 पौधों के लक्ष्य के मुकाबले अब तक सिर्फ़ 23,850 पौधों का ही रिकॉर्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दर्ज हुआ है।
  • हरियालो राजस्थान ऐप के जरिए पौधों की स्थिति और लोकेशन दर्ज करने का यह सिस्टम पारदर्शिता और निगरानी के लिए शुरू किया गया था, लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि नौ में से अधिकांश पंचायत समितियों ने इस दिशा में बेहद लचर काम किया है। सबसे खराब हाल करणपुर पंचायत समिति का है, जहां टैगिंग 0.70 प्रतिशत ही हो सकी है। प्रशिक्षु आईएएस अदिति यादव ने नेतेवाला गांव में पौधरोपण और नर्सरी कार्य का निरीक्षण कर वास्तविक स्थिति का जायजा भी लिया।

सबसे खराब स्थिति करणपुर की

  • जियो टैगिंग प्रगति रिपोर्ट (वित्तीय वर्ष 2024-25)
  • पंचायत समिति जियो टैगिंग प्रतिशत (प्रतिशत)
  • करणपुर 0.70 प्रतिशत
  • रायसिंहनगर 1.04प्रतिशत
  • सूरतगढ़ 1.90प्रतिशत
  • अनूपगढ़ 1.92प्रतिशत
  • सादुलशहर 1.97प्रतिशत
  • घड़साना 2.17प्रतिशत
  • श्रीगंगानगर 4.76प्रतिशत
  • पदमपुर 8.33प्रतिशत
  • श्रीविजयनगर 14.12प्रतिशत
  • कुल औसत टैगिंग: केवल 3.82प्रतिशत
  • कुल लक्ष्य: 6,19,200 पौधे
  • अब तक टैग किए गए पौधे: 23,850

होगी सख्त कार्रवाई

  • जिला परिषद के सीइओ गिरधर ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जिले की नौ पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों को पत्र जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा - पौधरोपण और जियो टैगिंग में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।