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फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण की स्वीकृति मिली

-किसानों मांग पूरी, गंगनहर क्षेत्र के किसानों को मिलेगी बड़ी राहत -केन्द्रीय जल आयोग ने दी 652.64 करोड़ की परियोजना को मंजूरी

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  • श्रीगंगानगर.गंगनहर क्षेत्र के किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग आखिर पूरी हो गई है। नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित केन्द्रीय जल आयोग की बैठक में फिरोजपुर फीडर पुनर्निर्माण करने की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को स्वीकृति मिल गई। पंजाब जल संसाधन विभाग ने पिछले वर्ष इस रिपोर्ट को केन्द्रीय जल आयोग के समक्ष रखा था। बैठक में डीपीआर पर विस्तृत चर्चा के बाद इसकी स्वीकृति पर मुहर लगा दी गई, जिससे अब पुनर्निर्माण योजना पर काम शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
  • विदित है कि फिरोजपुर फीडर नहर का निर्माण 1957-58 में हुआ था, और इसकी आयु 50 वर्ष पूरे होने के कारण अब यह बेहद खस्ता स्थिति में है। वर्तमान में इस नहर की जलग्रहण क्षमता 11192 क्यूसेक से घटकर 9000-9500 क्यूसेक रह गई है। इस कमी का असर गंगनहर के किसानों पर पड़ रहा है,क्योंकि गंगनहर को पानी की आपूर्ति फिरोजपुर फीडर से होती है। पानी की कमी होने पर पंजाब अपनी नहरों को प्राथमिकता देता है, जिससे गंगनहर के किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है।

अब नहीं रहेगा फीडर टूटने का खतरा

  • पुनर्निर्माण के बाद फिरोजपुर फीडर की जल ग्रहण क्षमता 11192 क्यूसेक से बढकऱ 13845 क्यूसेक हो जाएगी। इसका फायदा गंगनहर के साथ-साथ पंजाब की सरहिंद फीडर और ईस्टर्न कैनाल से जुड़ी नहरों के किसानों को भी मिलेगा। पंजाब सिंचाई विभाग के अधिकारी गंगनहर के लिए तय शेयर में कटौती यह कह कर नहीं कर पाएंगे कि ज्यादा पानी लेने पर फिरोजपुर फीडर के टूटने का खतरा है।

फीडर के पुनर्निर्माण पर 652.64 करोड़ रुपए व्यय होंगे

  • फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण पर 652.64 करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान है। इसमें से 270.85 करोड़ रुपए राजस्थान के हिस्से में आएगा। शेष 381.79 करोड़ रुपए पंजाब खर्च करेगा। फिरोजपुर फीडर का पुनर्निर्माण 0 से 45 आरडी तक 51 किलोमीटर लंबाई में होगा। राजस्थान सरकार फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण के लिए बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान कर चुकी है।

राजस्थान पत्रिका ने उठाया था यह मुद्दा

  • राजस्थान पत्रिका ने फिरोजपुर फीडर पुनर्निर्माण का मुद्दा लगातार उठाकर किसानों की समस्याओं को उजागर किया है। फीडर की खराब स्थिति के कारण क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त सिंचाई पानी नहीं मिल रहा था,जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो रही थीं। गंगनहर प्रोजेक्ट के चेयरमैन हरविंद्र सिंह गिल और किसान नेता व एडवोकेट सुभाष सहगल ने पत्रिका की सराहना करते हुए कहा कि पत्रिका ने लगातार खबरें प्रकाशित कर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाया,जिसके चलते फीडर के पुनर्निर्माण के लिए डीपीआर को स्वीकृति मिली है। अब फीडर का पुनर्निर्माण का कार्य अब तेजी से आगे बढ़ पाएगा।

स्वीकृति पर लगाई मुहर,अब होगा फीडर का पुनर्निर्माण

  • केन्द्रीय जल आयोग की बैठक में फिरोजपुर फीडर पुनर्निर्माण करने की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करने के बाद स्वीकृत कर दी गई है। इलाके के किसानों के लिए बहुत ही अच्छा कदम है।
  • -धीरज चावला,अधीक्षण अभियंता,जल संसाधन विभाग,श्रीगंगानगर।