
रीगंगानगर. अब एक महीने तक विवाह आदि मांगलिक कार्य निषेध रहेंगे। मलमास रविवार से शुरू होने के साथ ही विवाह-शादियों पर एक महीने के लिए ब्रेक लग जाएगा। सनातन धर्म की मान्यता अनुसार मलमास में विवाह और मांगलिक कार्यक्रम निषेध रहेंगे। ऐसे में अब 14 जनवरी के बाद ही शादियों के मुहूर्त है। मलमास के दौरान धार्मिक कथाओं, धार्मिक अनुष्ठानों सहित दान-पुण्य के आयोजन होंगे। मकर संक्रांति से फिर से मांगलिक कार्यक्रम का क्रम प्रारंभ होगा। पंडित शिवदयाल शास्त्री के अनुसार मलमास का विशेष महत्व है। सूर्य मेष आदि राशियों में भ्रमण करते करते 15 दिसम्बर की रात्रि को 10.21 बजे धनु राशि में प्रवेश करेगा। इस समय में सभी शुभ कार्य विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, नींव पूजन, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ आदि निषेध रहेंगे। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इसके बाद मांगलिक कार्य पुन: प्रारंभ होंगे।
मलमास में श्रद्धालु तिल, तेल और गुड़ से बनी खाद्य वस्तुओं सहित गर्म वस्त्रों, कंबल आदि का दान-पुण्य करेंगे। बहन-बेटियों के ससुराल घेवर-फीणी भेजने की परंपरा का निर्वहन होगा। धूणों पर अलाव तापने के लिए लकड़ियां, गोबर के उपले आदि का दान पुण्य भी होगा।
मलमास की समाप्ति के बाद जनवरी में शादी-विवाह के लिए कई शुभ मुहुर्रत है। पंडित शास्त्री के अनुसार 16, 18, 21, 22 और 23 जनवरी को शुभ मुहूर्तों में विवाह आयोजन होंगे। फरवरी में 2, 6, 7, 8, 13, 14, 18, 20, 21 और 25 तारीख को शुभ मुहूर्तों में विवाह कार्यक्रम होंगे। 2 फरवरी को बसंत पंचमी विवाह के लिए अबूझ सावा है।
Published on:
14 Dec 2024 11:18 pm
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