
बार संघ ने तहसीलदार के खिलाफ किया रोष प्रदर्शन
सादुलशहर.
तहसीलदार प्रभजोत सिंह गिल के अधिवक्ताओं के साथ दुव्र्यवहार करने, अधिवक्ता समुदाय के प्रति प्रतिकूल एवं अपमानजनक टिप्पणी करने व अनुसूचित जाति के अधिवक्ता के साथ जातीय दुव्र्यवहार के विरोध में सादुलशहर बार संघ ने शुक्रवार को बार संघ ने तहसील कार्यालय के समक्ष बार संघ अध्यक्ष अजब सिंह खीचड़ के नेतृत्व में रोष प्रदर्शन किया तथा तहसीलदार प्रभजोत सिंह गिल की सेवाएं तुरन्त प्रभाव से समाप्त करने की मांग की।
तत्पश्चात बार संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी प्रियंका तलानिया को सौंपा। ज्ञापन में बिना अनुमति एवं सूचना के सादुलशहर मुख्यालय छोडऩे, सरकारी वाहन का निजी कार्यों में उपयोग करने, जनता के कार्य बिना उचित कारण एवं आधार के टालने, जनता के कार्यों को सम्पादित करने से इन्कार करने आदि के आरोप तहसीलदार व प्रशिक्षु आरएएस प्रभजोत सिंह गिल पर लगाए हैं।
प्रदर्शन में बार संघ सचिव सुभाष पटीर, उपाध्यक्ष दर्शन सिंह बराड़, पूर्व अध्यक्ष मणिराम जालप, कुन्दनलाल चुघ, रेशम सिंह, रामकुमार सिहाग, रविन्द्र मोदी, धर्मेन्द्र शर्मा, देवप्रकाश चावला, राधेश्याम जोशी, रामकुमार टाक, धर्मेन्द्र खीचड़, प्रदीप हुड्डा, लक्ष्मीनारायण सहगल, मंगतराम बाघला, राजेश स्याग, अमित चावला, दीपक स्वामी आदि अधिवक्ता शामिल थे। इससे पूर्व बार संघ की बैठक अजब सिंह खीचड़ की अध्यक्षता में हुई। इसमें तहसीलदार गिल के व्यवहार की निन्दा की गई व बार संघ ने इस आशय का निन्दा प्रस्ताव भी पारित किया। बैठक में आगामी रणनीति भी तय की गई।
शिष्टमण्डल मिला जिला कलक्टर से
बार संघ का शिष्टमण्डल बार संघ अध्यक्ष अजब सिंह खीचड़ के नेतृत्व में दोपहर बाद श्रीगंगानगर में जिला कलक्टर ज्ञानाराम से मिला तथा पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए इस आशय का ज्ञापन सौंपा। सचिव सुभाष पटीर ने बताया कि जिला कलक्टर ने प्रकरण की जांच एडीएम प्रशासन को दी है। जिला कलक्टर ने आश्वस्त किया कि सोमवार तक जांच पूर्ण कर ली जाएगी। बार संघ ने शुक्रवार को उपखण्ड अधिकारी न्यायालय की कार्यवाही में भाग नहीं लिया तथा कार्य बहिष्कार किया।
तहसीलदार ने आरोपों को बताया निराधार
सादुलशहर.
तहसीलदार प्रभजोत सिंह गिल ने बार संघ के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि गुरुवार को उनके कक्ष में दो अधिवक्ता जन्म प्रमाण-पत्र के सम्बन्ध में आए थे, तब वे राजकीय कार्य में व्यस्त थे तथा तब अधिवक्ताओं से कहा कि अरे बैठ जाओ, अभी बात करते हैं। तब इस अरे शब्द को लेकर अधिवक्ता नाराज हो गए व नारेबाजी करते हुए चले गए।
Published on:
21 Jul 2018 07:35 am
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