श्रीगंगानगर.गंगनहर में अप्रेल से जून तक चली नहरबंदी और सिंचाई पानी की कमी ने गन्ना किसानों की कमर तोड़ दी है। श्रीकरणपुर क्षेत्र में हुए प्रथम सर्वे के अनुसार इस बार करीब सात हजार बीघा में गन्ना की खेती कम हुई है। पिछले साल जिले में कुल 19 हजार बीघा गन्ना बोया गया था, जो घटकर 12 हजार 800 बीघा रह गया है। आगामी 1 सितंबर को होने वाले द्वितीय सर्वे में करीब एक हजार बीघा और कम होने का अनुमान है। ऐसे में जिले का कुल रकबा घटकर लगभग 11 हजार 800 बीघा रह सकता है। फसल में आई भारी कमी का सीधा असर श्रीकरणपुर शुगर मिल पर पड़ेगा। पिछले साल मिल को 15 लाख 91 हजार क्विंटल गन्ना पिराई के लिए मिला था। इस बार उपलब्धता काफी घटने की आशंका है, जिससे पिराई और चीनी उत्पादन प्रभावित होंगे। किसानों की आमदनी पर भी बड़ा असर पड़ेगा।
नई वैरायटी पर किसानों का भरोसा
शुगर मिल प्रबंधन के अनुसार, इस बार 70 प्रतिशत गन्ना बीजू और 30 प्रतिशत मोढ़ी होगा। मोढ़ी गन्ने का औसत उत्पादन 150 क्विंटल प्रति बीघा और बीजू गन्ना 200 क्विंटल प्रति बीघा देता है। किसानों ने इस बार सीओएल-160 और पीवी-95 जैसी नई वैरायटी को प्राथमिकता दी है। हाल की बारिश से खड़ी फसल अच्छी है, लेकिन गन्ने का क्षेत्रफल कम होना नुकसानदायक साबित होगा।
श्रीकरणपुर अव्वल
जिले में गन्ने की सर्वाधिक खेती श्रीकरणपुर क्षेत्र में होती है। इसके अलावा गजसिंहपुर, पदमपुर, केसरीसिंहपुर, श्रीविजयनगर और श्रीगंगानगर इलाके में भी गन्ने की बुवाई की जाती है।
फैक्ट फाइल
19 हजार बीघा गन्ना बोया गया था पिछले साल
12 हजार 800 बीघा रह गया इस बार घटकर
1 हजार बीघा कम होने का अनुमान द्वितीय सर्वे में
11 हजार 800 बीघा तक कुल रकबा रहने की संभावना
उत्पादन में कमी
इस बार गन्ने का क्षेत्रफल करीब सात हजार बीघा कम हुआ है। आगामी द्वितीय सर्वे से यह आंकड़ा और घट सकता है। उत्पादन में कमी से शुगर मिल और किसानों दोनों को नुकसान होगा।