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Video: हमारी शुगरमिल में बनेगा अब मुर्गी दाना

अब तक चीनी और खाद के लिए प्रसिद्ध कमीनपुरा शुगरमिल में अब मुर्गी दाना बनाया जाएगा। इसके लिए शुगरमिल की तकनीकी टीम ने तैयारियां शुरू कर दी है।

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हमारी शुगरमिल में बनेगा अब मुर्गी दाना

केसरीसिंहपुर।

अब तक चीनी और खाद के लिए प्रसिद्ध कमीनपुरा शुगरमिल में अब मुर्गी दाना बनाया जाएगा। इसके लिए शुगरमिल की तकनीकी टीम ने तैयारियां शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार से डिस्टलरी को ग्रेन मोड पर चलाया जाएगा। यह ट्रायल करीब 20 दिनों तक चलेगा। इसके बाद उच्च गुणवत्ता के मुर्गी दाने तैयार किए जाएंगे। खास बात ये है कि कमीनपुरा शुगरमिल की शुरुआत से लेकर अब तक यह पहली बार होगा जब डिस्टलरी ग्रेन मोड पर चलेगी। अधिकारियों ने बताया कि ट्रायल में मुर्गी दाना बनाने की सभी प्रक्रिया की जांच होगी। इसके बाद सुचारू रूप से यह कार्य चलेगा।

इन दिनों शुगरमिल में डिस्टलरी की क्लीनिंग और मशीनरी के रखरखाव का काम चल रहा है, जो अंतिम चरण में है। शुगरमिल अधिकारियों ने बताया कि ट्रायल के बाद प्रतिदिन करीब 20 से 28 टन मुर्गी दाना तैयार किया जाएगा। पंजाब और अन्य राज्यों में बेचेंगे, होगा फायदा मिल अधिकारियों के मुताबिक ग्रेन मोड पर डिस्टलरी चलने के बाद बनाए गए मुर्गी दानों की राजस्थान सहित पंजाब के चंडीगढ़, पटियाला बेहद मांग है। इसके अलावा इसे अन्य राज्यों में भी बेचा जाएगा। जो फीड के रूप में काम आएगा। इससे शुगरमिल को काफी फायदा होगा और शुगरमिल की आयबढ़ेगी।

अधिकारियों की माने तो इसके लिए टैंडर प्रक्रिया काम में ली जाएगी। दुर्गंध से मिलेगी मुक्ति शुगरमिल में डिस्टलरी के ग्रेन मोड पर चलने से शुगर मिल से उठने वाली दुर्गंध से भी आमजन को मुक्ति मिलेगी। गंदा पानी और प्रदूषण रहित होने के कारण यह दुर्गंध नहीं फैलेगी और मिल के मुताबिक ही जीरो प्रतिशत पोल्यूशन पर डिस्टलरी काम करेगी। गौरतबल है कि अब तक शुगरमिल से उठने वाली दुर्गंध से लोग खासा परेशान है। ग्रेन मोड पर चला रहे हैं डिस्टलरी शुगरमिल में डिस्टलरी को ग्रेन मोड पर 2 नवंबर से चलाएंगे। इससे मुर्गी के दाने तैयार किए जाएंगे। इससे शुगरमिल में उठने वाली दुर्गंध और गंदे पानी से भी निजात मिलेगी। एक नवंबर को इसका ट्रायल किया जाएगा। शुगरमिल में यह पहली बार हो रहा है जब डिस्टलरी ग्रेन मोड पर चलेगी। बालेश कुमार शर्मा, डिस्टलरी प्रभारी, शुगर मिल, कमीनपुरा