प्रवर्तन अधिकारी ने स्वीकार किया कि राजस्थान पेट्रोलियम प्रोडेक्ट लाइसेंस 1990 एक्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद रसद विभाग का अब पेट्रोल पंपों पर सीधे तौर से कोई नियंत्रण नहीं है। इस मामले में राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद ही कोई हल निकलेगा, तब तक रसद विभाग असहाय है। पेट्रोल पंपों को अब रसद विभाग से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। यही वजह है कि रसद विभाग ने रविवार को भाटिया पेट्रोल पंप से पेट्रोल का नमूना नहीं भरा।
सोनी के मुताबिक एच एरिया के सेल्स मैनेजर धीरज कुमार के पास पेट्रोल का नमूना लेने के लिए एयर टाइट जार नहीं था। इस कारण सेल्स ऑफिसर 10 जनवरी को मौके पर आकर सीज किए गए टैंक से पेट्रोल का संपैल भरेंगे। इस टैंक में 8211 लीटर पेट्रोल है। इसके पांच नोजल ताले लगाकर सीज किए गए हैं। अब भाटिया पेट्रोल पंप एक अन्य टैंक के जरिए 2 नोजल से पेट्रोल की बिक्री कर रहा है।