
श्रीगंगानगर। सदर पुलिस ने आखिरकार चार माह बाद जनसेवा अस्पताल के प्राइवेट डॉक्टर से करीब पौने 37 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ़तार किया है। सदर थाने के एसआई हंसराज की अगुवाई में पुलिस दल ने इस मामले में आरोपी कुचामन सिटी के बडलाबास निवासी विष्णु सिंह पुत्र इन्द्रपाल सिंह राजपूत को काबू किया। इस आरोपी ने कुचामन सिटी के परिचित विक्रम सिंह को अपना बैँक खाता महज छह हजार रुपए में किराए पर दिया था। इसके बैेंक खाते में पांच लाख रुपए जमा हुए थे। एसआई हंसराज ने बताया कि इस आरोपी ने पूछताछ में स्वीकारा कि उसे पैसे की ज्यादा जरूरत थी। तब उसने छह हजार रुपए में अपना बैक खाते की पासबुक और खाली चेक दिया था। उसके खाते में महज अड़तालीस घंटे में दस लाख रुपए जमा हुए थे। इसमें पांच लाख रुपए यहां डाक्टर से ठगी के मामले से जुड़े हुए थे। इस मामले में महाराष्ट्र के कई आरोपी हैं। इसमें मुख्य भी अब तक भूमिगत हैं। इन आरोपियों को साइबर सैल के माध्यम से रडार पर लिया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
चार माह पहले उद्योग विहार स्थित जनसेवा हॉस्पिटल में कार्यरत एक डॉक्टर को फोन पर धमकाकर उनसे 36 लाख 70 हजार रुपए की ठगी कर ली गई। इस संबंध में तीस जुलाई को सदर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।जनसेवा हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर राजवीर बेनीवाल ने बताया कि उसके पास 16 जुलाई को अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर कहा कि मैं दिल्ली से कस्टम ऑफिसर बोल रहा हूं। आपका एक पार्सल मिला है जिसके साथ 240 ग्राम एमडी ड्रग्स मिली है। आपके खिलाफ दिल्ली में मामला दर्ज हो गया है। इतना कहते हुए फोन करने वाले ने कहा कि आपसे सीबीआई ऑफिसर बात करेंगे। फिर दूसरे व्यक्ति ने कहा कि आप हमें कॉपरेट करें आपकी गिरतारी होनी है। आपके बैंक खाते का लाइजेशन करवाना पड़ेगा। आरबीआई ने आपके नाम का नया खाता खोला है जिसमें आपको पूरी राशि ट्रांसफर करनी पड़ेगी। जांच के बाद यदि इस मामले में आपकी संलिप्तता नहीं पाई जाती है तो आपको राशि वापस मिल जाएगी। इसके बाद कॉल करने वाले डॉक्टर से उसके बैंक खाते की फोटो प्रति व आधार कार्ड की फोटो प्रति मंगवा ली।
डॉ बेनीवाल ने कॉलर के कहे अनुसार उनके बताए गए खाते में दो बार में 36 लाख 70 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। दो दिन बाद एक जने ने फिर कॉल कर कहा कि आपके मामले की जांच कर ली है और आपका खाता सही पाया गया है। आपके खाते से ड्रग्स खरीद में कोई राशि इस्तेमाल नहीं की गई है परन्तु चूंकि आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है इसलिए जमानत आदि की प्रक्रिया के लिए 10 लाख रुपए और देने होंगे। इस पर डॉक्टर को ठगी होने का आभास हुआ। वे रीको स्थित पुलिस चौकी पर गए और शिकायत दी जिस पर उन्हें सदर थाने में जाकर मामला दर्ज करने की सलाह दी गई। इस पर पीड़ित डॉक्टर राजवीर बेनीवाल ने फोन कॉल पर अपना नाम सुमित मिश्रा, सुनील कुमार और अजीत श्रीवास्तव बताने वाले आरोपियों के खिलाफ सदर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।
Published on:
29 Nov 2024 11:40 pm
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