Dengue is not stopping, three hundred and fifty patients identified- घर-घर डेंगू और मलेरिया का बुखार
श्रीगंगानगर। डेंगू और मलेरिया अपने पैर पसार रहा है। प्रतिदिन इनकी चपेट में आने वालों की संख्या चिंता बढ़ा रही है। जिन्हें यह बीमारी घेरे है, वह तो परेशान हैं ही। साथ ही वे भी परेशान हैं जिनके घर के आसपास पानी भरा रहता है और वहां मच्छर अधिक होते हैं। इस बीमारी का खतरा बढ़ने की सीधी जिम्मेदारी नगर परिषद, यूआईटी, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की है। लगातार डेगूं के आंकड़े बढ़ रहे हैँ लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक िस्थति कंट्रोल का रटारटाया जवाब दे रहा हैं। सीएमएचओ और जिला चिकित्सालय के पास प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती रोगियोें का आंकड़ा तक नहीं हैं। जिले में अब तक 340 डेगूं के रोगी सामने आ चुके हैं। इसमें राजकीय जिला चिकित्सालय में 161 रोगी अपना उपचार ले चुके हैँ।
डिप्टी सीएमएचओ डा. करण आर्य ने बताया कि श्रींगंगानगर ब्लॉक में 73 रोगी, श्रीकरणपुर ब्लॉक में 98 रोगी, पदमपुर में एक, सादुलशहर में पांच और सूरतगढ़ में दो रोगी सामने आए हैं। जबकि जिला चिकित्सालय में 161 रोगी आए हैं। चिकित्सालय के उपनियंत्रक डा. मनीष छाबड़ा ने बताया कि शनिवार को डेगूं संभावित चालीस रोगियों के सैम्पल लिए गए, इसमें से 9 रोगी पॉजीटिव पाए गए हैं। इनका उपचार किया जा रहा हैं। अब रोजाना चिकित्सालय मेें चार से पांच रोगी आने लगे हें।
इधर, इलाके में बरसात होने के बावजूद डेगूं और मलेरिया बुखार के रोगियों में और भी इजाफा होने लगे हैंं। शहर में कई क्षेत्रों में डेंगू-मलेरिया के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि उनकी टीमें लगातार फागिंग और लार्वा नष्ट करने के लिए दवा का छिड़काव लगातार कर रही हैं। इन दावों की विपरीत शहर में अब तक फोगिंग मशीन का संचालन तक नहीं किया गया हैं। नगर परिषद के गैराज में फोगिंग मशीनें खड़ी हैं लेकिन इसमें दवा डालकर छिड़काव करने के लिए प्रयास तक नहीं हुए हैं।