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1206 सरहदी गांवों में विकास को लगेंगे पंख

-पत्रिका एक्सक्लूसिव-कृष्ण चौहान:मुख्यमंत्री थार सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम -श्रीगंगानगर,बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर के जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और अन्य सुविधाओं का होगा समग्र विकास

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  • श्रीगंगानगर.मुख्यमंत्री थार सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के श्रीगंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में 18 पंचायत समितियों के 1206 सरहदी गांवों के विकास की राह प्रशस्त की जाएगी। कार्यक्रम का क्रियान्वयन और नियंत्रण जिला स्तरीय समिति की ओर से किया जाएगा,जिसकी अध्यक्षता जिला कलक्टर करेंगे और सदस्य सचिव जिला परिषद के सीईओ होंगे।
  • गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने करीब चार वर्ष पहले बॉर्डर एरिया डवलपमेंट प्रोग्राम को बंद कर दिया था। इसके बाद से क्षेत्र के विकास कार्यों में ठहराव आ गया। अब राज्य सरकार ने एक नई योजना लागू की है।

बनेगी वार्षिक कार्य योजना

  • इस कार्यक्रम के सशक्त कार्यान्वयन के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा, जो हर जिले की विशिष्ट आवश्यकताओं और समस्याओं को ध्यान में रखेंगे। हर जिले के विकास के लिए वार्षिक कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसमें शिक्षा,स्वास्थ्य,पेयजल,संपर्क सडक़ें, ऊर्जा, कृषि,पशुपालन,खेल,महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास संबंधित कार्य शामिल होंगे।

जिले में सात पंचायत समितियों का किया चयन

  • श्रीगंगानगर जिले की पंचायत समितियों का चयन किया गया है। इनमें पंचायत समिति अनूपगढ़, घड़साना, करणपुर, पदमपुर, रायसिंहनगर, श्रीगंगानगर और श्रीविजयनगर पर विशेष फोकस किया जाएगा। इन पंचायत समितियां के 842 गांवों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

विकास कार्यों के लिए बजट प्रावधान

  • इस कार्यक्रम के तहत कुल आवंटित राशि का 80 प्रतिशत हर जिले को वार्षिक कार्य योजना के लिए दिया जाएगा। शेष 19 प्रतिशत राशि राज्य स्तर पर संरक्षित रहेगी, जबकि 1 प्रतिशत राशि प्रशासनिक मद में खर्च की जाएगी। राशि आवंटन का आधार अंतरराष्ट्रीय सीमा की लंबाई, चयनित क्षेत्र का क्षेत्रफल और जनसंख्या होगा।

पंचायत समितियों में वार्षिक प्लान तैयार किया जाएगा

  • यह योजना भारत-पाक सीमा क्षेत्र के गांवों में निवास करने वाले लोगों की मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करेगी,बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जिले की सात पंचायत समितियों का इस योजना में चयन हुआ है। अब इन पंचायत समितियों में वार्षिक प्लान तैयार किया जाएगा।
  • हरिराम चौहान, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, श्रीगंगानगर