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माहवारी में इस्तेमाल पैड का डिस्पोजल अब नहीं रहेगी यह समस्या

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Disposal of pads used in menstruation will no longer be this problem

माहवारी में इस्तेमाल पैड का डिस्पोजल अब नहीं रहेगी यह समस्या

श्रीगंगानगर। स्वच्छता से पचास प्रतिशत रोगों का निदान हो सकता है। ऐसे में स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है। खासतौर पर किशोरी और महिलाओं में माहवारी पीरियड में इस्तेमाल किए जाने वाले नैपकिन पैड के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी होगी। जिला परिषद में बुधवार को स्वस्थ भारत मिशन ग्रामीण की ओर से दो दिवसीय माहवारी स्वच्छता प्रबंधन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई।

इस कार्यशाला में स्वस्थ भारत मिशन ग्रामीण के जिला समन्वयक हरविन्द्र सिंह ढिल्लो ने कहा कि माहवारी के दौरान इस्तेमाल नैपकिन को डिस्पोजल अब चुनौती बनती जा रही है। लोक लिहाज में इस गंदगी के निस्तारण करने में महिलाओं को जागरूक होने की जरूरत है। अब सरकार ने पंचायत स्तर पर स्ट्रेनरी मशीनें और डिस्पोजल मशीनें लगाई जाएगी।

चूरू से आए ट्रेनर जीवराज सिंह ने माहवारी पीरियड में होने वाले बदलाव और किशोरी के खून में आने वाली कमी के संबंध में उपस्थितजनों को जानकारी दी। उनका कहना था कि माहवारी के दिनों में इस्तेमाल होने वाले नैपकिन का निस्तारण करने के लिए जमीन के अंदर दबा देना चाहिए ताकि इस गंदगी से फैलने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है। यह स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण से बचाव किया जाएगा।

महिला अधिकारिता विभाग की प्रतिनिधि सुप्रिया बारावड़ ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाली धात्री, गभर्वती और किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के बारे में अपनी बात की। उनका कहना था कि इन केन्द्रों के माध्यम से इलाके में जागरूकता का प्रचार प्रसार किया जा सकता है।