श्रीगंगानगर. दिन भर मौसम साफ रहने के बाद शनिवार को आधी रात तूफान के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि ने जिले की कई तहसीलों में भारी तबाही मचाई है। प्राकृतिक आपदा से हुई तबाही का पता लोगों को सुबह होने पर लगा। तूफान से बड़ी संख्या में पेड़ और विद्युत पोल धराशायी हो गए।
बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से नरमा की खड़ी फसल बर्बाद हो गई। श्रीबिजयनगर तहसील के गांव 42 जीबी के नजदीक धार्मिक स्थल मल्ला टिब्बा का एक हिस्सा धंसने से श्रद्धालुओं के कई वाहन पचास फीट नीचे जा गिरे। ओलावृष्टि से हुए नुकसान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि श्रीबिजयनगर क्षेत्र के खेतों में सुबह तक ओलों की परत जमी हुई थी।
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तूफान और बारिश ने जिले के दक्षिणी-पश्चिमी इलाकें में तबाही मचाई है। रात्रि बारह बजे के आसपास पश्चिम में पाकिस्तान की ओर से उठे तूफान ने घंटे भर में घड़साना, अनूपगढ़, श्रीबिजयनगर, रायसिंहनगर और सूरतगढ़ तहसील के लंबे-चौड़े इलाके को अपने आगोश में ले लिया। तूफान का वेग इतना तेज था कि घरों के टिन-टप्पर और दुकानों के होर्डिंग उड़ गए। विद्युत पोल गिरने से इन तहसीलों में विद्युत आपूर्ति भंग हो गई। लोगों को तूफान से हुई तबाही का पता सुबह होने पर लगा।
श्रीबिजयनगर तहसील के गांव 42 जीबी के नजदीक धार्मिक स्थल मल्ला टिब्बा में शनिवार को मेले के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए हुए थे। मल्ला टिब्बा काफी ऊंचा है। इस पर बने धार्मिक स्थल के बाहर खाली जगह पर श्रद्धालुओं के वाहन खड़े थे। तूफान के साथ आई बारिश से टिब्बे का एक हिस्सा धंस गया, जिससे वहां खड़े वाहन पचास फीट नीचे जा गिरे। सुबह होने पर इन वाहनों को बड़ी मुश्किल से निकाला गया।