श्रीगंगानगर.वर्तमान में स्कूली बच्चों के बीच रटने की प्रवृत्ति काफी बढ़ गई है, जिसे कम करने के लिए राज्य सरकार ने राज्य के 23 स्कूलों में ओरल रीडिंग लूरेंसी कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह कार्यक्रम "शिक्षित राजस्थान" अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे मुख्यमंत्री ने 29 मार्च को लॉन्च किया था। इसका मुख्य उद्देश्य है विद्यार्थियों में रटने की आदत को कम करके उनकी धाराप्रवाह बोलने की क्षमता को बढ़ाना।
इस कार्यक्रम के तहत पहले शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा,ताकि वे प्रभावी ढंग से विद्यार्थियों को मौखिक स्किल सिखा सकें। खासकर जिले के रावला क्षेत्र के गांव रोजड़ी के पीएमश्री स्कूल को इस पहल में शामिल किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कार्यक्रम छात्रों की मौखिक क्षमता पर विशेष ध्यान देगा।
15 अप्रेल से होगी शुरुआत
पायलट कार्यक्रम 15 अप्रेल से शुरू होगा,जिसमें राज्य के 23 चयनित विद्यालय भाग लेंगे। शिक्षा विभाग ने संयुक्त निदेशकों को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं,जिसमें साफ कहा गया है कि इस योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की पठन दक्षता का मूल्यांकन करना है, जिससे शिक्षकों को कक्षा की स्थिति का आकलन करने और सुधार की योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
पठन क्षमता में होगी बढ़ोतरी
शाला दर्पण शिक्षक ऐप के माध्यम से विद्यार्थियों की पठन क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जिसमें नियमित फीडबैक दिया जाएगा। इस पहल से छात्रों को न केवल पढ़ाई में मदद मिलेगी,बल्कि उनकी सार्वजनिक बोलने की क्षमता भी विकसित होगी,जो भविष्य में उनके व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
रोजड़ी के पीएम श्री स्कूल का चयन
"ओरल रीडिंग लूरेंसी कार्यक्रम की यह पहल विद्यार्थियों को आत्मविश्वास और सशक्त बनाकर उन्हें भविष्य में संवाद करने में सक्षम बनाएगी। इसके लिए जिले के रोजड़ी के पीएम श्री स्कूल का चयन किया गया है।"