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चंडीगढ़. श्रीगंगानगर.
व्यास नदी में शीरा डालने पर चड्ढा शुगर मिल के खिलाफ पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले में सख्त फैसला लेते हुए मिल पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका है।
इसके अलावा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली यह मिल भी सील कर दी गई है। यह मिल तब तक चालू नहीं हो सकेगी जब तक वह पंजाब पोलूशन कंट्रोल बोर्ड की जरूरी शर्तें पूरी नहीं कर लेती। यह बड़ा फैसला इस संबंध में सरकार को मिली रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लिया। इधर, बोर्ड ने मिल को स्पष्ट किया है कि अगर वह अपनी गतिविधियां शुरू करना चाहती है तो इस संबंध में वॉटर एक्ट 1974 (प्रिवेंशन ऑफ कंट्रोल एंड पोल्यूशन) के तहत नए सिरे से प्रक्रिया अपनाएं।
बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में संबंधित अथॉरिटी को एक्ट तहत इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मिल के अधिकारियों के खिलाफ क्रिमनल एक्शन भी लेने की सिफारिश की है। दूसरी ओर बोर्ड की इस रिपोर्ट के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री ने पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी की अगुवाई में एक ऐसी हाई पॉवर कमेटी बना दी है जो राज्य की नदियों की सफाई के लिए सुझाव तैयार करेगी। कमेटी को10 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
पंजाब पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने बताया कि उक्त मिल ने न केवल वॉटर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन एक्ट1974 का उल्लंघन किया बल्कि ईस्ट पंजाब मोलेसिस, कंट्रोल एक्ट 1948 तथा फैक्ट्री एक्ट 1948 को नजरअंदाज किया है। मिल ने मोलेसिस के स्टोरेज के लिए आबकारी आयुक्त से मंजूरी भी नहीं ली थी।
Published on:
25 May 2018 09:31 pm
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