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Video : श्वान नोच रहे थे मानव भ्रूण, इंदिरा कॉलोनी में मची खलबली

शहर की इंदिरा कॉलोनी में श्वान भ्रूण को नोच रहे थे। यह देख एक शख्स ने जब शोर मचाया तो श्वान इस भ्रूण को गली नम्बर आठ में छोड़ भाग गए।

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people gathered

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श्रीगंगानगर.

शहर की इंदिरा कॉलोनी में श्वान भ्रूण को नोच रहे थे। यह देख एक शख्स ने जब शोर मचाया तो श्वान इस भ्रूण को गली नम्बर आठ में छोड़ भाग गए।भ्रूण को गली में क्षत विक्षत हालात में देखा तो मोहल्लेवासी एकत्र हो गए। उपस्थित महिलाओं के जुबां पर एक ही चर्चा थी कि यह कुदरत का कैसा खेल जिसके पास संतान नहीं है वह वैसे दुखी है जिसके है उसे यूं गली में फेंकने की नौबत आ गई है। इस बीच जवाहरनगर पुलिस ने इस भ्रूण को अपने कब्जे में लेकर राजकीय जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में पहुंचाया। वार्ड पार्षद रवि चौहान ने अज्ञात के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए जवाहरनगर पुलिस को लिखित में परिवाद दिया है। रविवार दोपहर करीब एक बजे इस भ्रूण की सूचना जैसे-जैसे मिली तो आसपास गलियों से लोग एकत्र होने लगे। पुलिस को बार-बार सूचना देने के बावजूद नहीं आई तो करीब दो बजे मोहल्ले के मौजिज लोगों ने जवाहरनगर थाने में जाकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। इसके बाद पहुंची पुलिस ने अपनी कानूनी कार्रवाई शुरू की।


महिलाओं ने डाला कपड़ा

इंदिरा कॉलोनी में इस भ्रूण के क्षत विक्षप्त की हालत पर खुले में गली में पड़े होने पर जब मोहल्लेवासियों ने देखा तो पुलिस की मौजूदगी में कपड़ा डाला गया। महिलाओं का कहना था यह भ्रूण और कहीं का हो सकता है, इंदिरा कॉलोनी के पास बापूनगर में कचरा प्वांइट है। वहां से श्वान इस भ्रूण हो लाए हो सकते हैं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आएगी हकीकत
यह भ्रूण सात माह का था या आठ महीने का, यह पता लगाने के लिए पुलिस ने उसका पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को राजकीय जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया है। पुलिस ने इंदिरा कॉलेानी में उस महिला की तलाश शुरू कर दी है जिसने यह भ्रूण फेंका है, इसके लिए चिकित्सकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि इलाके में गर्भवती महिलाएं कौन-कौन सी है।

अब तक पांच मामले की जांच अटकी
कोतवाली, पुरानी आबादी और सदर थाना क्षेत्र में ऐसे भ्रूण पिछले एक साल की समय अवधि में मिले हैं लेकिन एफआईआर के सिवाय जांच तक नहीं हुई है। ऐसे मामलों की जांच पुलिस के लिए तूड़ी में से सूई ढूंढने के समान है। जांच की प्रक्रिया इतनी ढीली है कि एक भी मामला खोलने में पुलिस नाकाम साबित हुई है।