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आदेश की पालना करें, अन्यथा संबंधित सीईओ कोर्ट में हाजिर हो : उच्च न्यायालय

-आदेश की पालना नहीं करने पर उच्च न्यायालय जोधपुर का आदेश

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श्रीगंगानगर.

तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012 के मामले में उच्च न्यायालय जोधपुर के आदेशों की पालना नहीं किए जाने पर सचिव पंचायती राज विभाग जयपुर और सीईओ जिला परिषद श्रीगंगानगर को अवमानना का दोषी मानते हुए नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को करीब 20 रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि उच्च न्यायालय के आदेश की पालना 27 अप्रेल 2018 से पूर्व की जाए अन्यथा संम्बंधित सीईओ जिला परिषद अगली सुनवाई पर उच्च न्यायालय में हाजिर रहे। प्रार्थी की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने बताया कि प्रार्थी दलीप कुमार ने पंचायती राज विभाग की तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा-2012 में लेवल द्वितीय में हिंदी विषय में आवेदन किया था। जिला परिषद श्रीगंगानगर ने उक्त भर्ती परीक्षा के संम्बंध में तीन चरणों में परिणाम जारी किए थे। प्रार्थी हर बार नए परिणाम में प्राप्तांकों के बढऩे के बाद भी हर बार अंतिम कट ऑफ से बाहर होने से चयनित नहीं हुआ, लेकिन प्रार्थी से कम अंक के अभ्यर्थी सेवा में चयनित रहने और संशोधित परिणामों से बाहर होने पर भी विभाग ने उन्हें सेवा से नहीं हटाया।


प्रार्थी ने उक्त मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने प्रार्थी की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए 28 मार्च 2017 को आदेश जारी किए कि यदि प्रार्थी से कम अंक के अभ्यर्थी सेवा में है तो रिक्त रहे पदों पर प्रार्थी के मामले में मेरिट अनुसार कार्यवाही कर चयन की कार्यवाही 6 माह में पूरी की जाए।प्रार्थी ने 17 अप्रेल 2017 को कोर्ट का आदेश विभाग को उपलब्ध करवा दिया था, मगर विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। प्रार्थी द्वारा की गई रिट याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा प्रार्थी के पक्ष में दिए गए आदेश की पालना नहीं किए जाने पर प्रार्थी ने सीईओ जिला परिषद श्रीगंगानगर और सचिव पंचायत राज विभाग को व्यक्तिगत पक्षकार बनाते हुए अवमानना याचिका दायर की थी।


क्यों न अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए : हाईकोर्ट


उच्च न्यायालय ने गांव मन्नीवाली निवासी राजेन्द्र के मामले में अवमानना याचिका को सुनते हुए पूर्व में नोटिस जारी किए थे और अवमानना के नोटिस जारी होने के बाद भी आज तक आदेश की पालना नहीं हुई थी। पूर्व के नोटिस थे कि क्यों न संबंधित पक्षकार को अवमानना का दोषी मानते हुए अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। राजेन्द्र ने बाड़मेर जिला परिषद से आवेदन किया था। राजेन्द्र के मामले में उच्च न्यायालय का आदेश 9 मार्च 2017 का था जिसकी आज तक पालना नहीं हुई है। श्रीगंगानगर निवासी गुरमीत सिंह, सुरेश राकांवत और ममता बिश्नोई की ओर से पैरवी अधिवक्ता सीताराम गोदारा ने की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि भर्ती को लेकर प्रतापगढ़ जिला परिषद में पालना की गई है। बाकी किसी भी जिले में आज तक पालना नहीं हुई है।