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व्यास नदी में पर्यावरणीय क्षति के सुधार में लगेंगे पांच साल

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मंगेश कौशिक

श्रीगंगानगर. पंजाब के बटाला जिले के गांव कीड़ी अफगाना की चड्ढा शुगर एंड वाइन मिल का शीरा व्यास नदी में बहने से हुई पर्यावरणीय व पारिस्थितिकी क्षति के सुधार में पांच साल लग जाएंगे। पंजाब सरकार के वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग, जल संसाधन विभाग, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वल्र्ड लाइफ फंड के सदस्यों ने घटना के बाद प्रभावित इलाके में विस्तृत अध्ययन के बाद जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें योजनाबद्ध तरीके से काम करने का सुझाव दिया है ताकि नदी में रहने वाले जीव-जन्तुओं को पहले जैसा वातावरण मिल सके।


चड्ढा शुगर एंड वाइन मिल के टैंक से 16 मई को हजारों टन शीरे का रिसाव हुआ जो बह कर व्यास नदी के पानी में घुल गया। शीरे की परत नदी के कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैलने से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो गई जिससे असंख्य जलीय जीव-जंतुओं ने दम तोड़ दिया। बाद में यह पानी पंजाब और राजस्थान की नहरों में गया तो खूब हल्ला मचा। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तब मिल को सील कर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया। केन्द्र सरकार तक यह मामला पहुंचा तो 24 मई को केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री ने जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की अध्यक्षता में तकनीकी कमेटी का गठन कर समस्या के समाधान के निर्देश दिए थे।

इसके बाद 6 जून को केन्द्रीय मंत्री मेघवाल ने तकनीकी टीम के साथ कीड़ी अफगाना का दौरा कर मौका देखा और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए दीर्घकालीन योजना बनाने के साथ-साथ व्यास नदी के पर्यावरणीय व पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए। जल संसाधन मंत्रालय के निर्देश पर पंजाब सरकार के वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग, जल संसाधन विभाग, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वल्र्ड लाइफ फंड के सदस्यों ने व्यास नदी में जलीय जीव जन्तुओं के आवासीय क्षेत्र का विस्तृत अध्ययन करने के बाद जो रिपोर्ट सौंपी है उस पर केन्द्र सरकार ने 3.5 करोड़ की योजना को मंजूरी दी है। पांच ***** इस योजना में पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए टिकाऊ परिणाम प्राप्त करने के प्रयास किए जाएंगे। योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपी गई है। जल संसाधनों को लेकर इसी माह चण्डीगढ़ में जल संसाधन मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की अध्यक्षता में होने वाले उत्तर क्षेत्र के राज्यों के सम्मेलन में भी इस रिपोर्ट के आधार पर बनी योजना पर
चर्चा होगी।