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स्ट्रक्चर डिजायन की जांच में कई कमियां मिली

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श्रीगंगानगर.

राजकीय जिला चिकित्सालय परिसर में दानदाता के सहयोग से बनने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेज के स्ट्रक्चर डिजायन की जांच की प्रक्रिया शुक्रवार को जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में शुरू हो गई। संस्थान के विशेषज्ञों ने प्रारम्भिक परीक्षण में स्ट्रक्चर डिजायन में कई कमियां पाई हैं। इसके साथ इसमें कुछ संशोधन करने का सुझाव भी दिया है।

स्ट्रक्चर डिजायन की जांच के सिलसिले में प्रशासन की ओर से सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सुमन मनोचा तथा दानदाता की ओर से पीएनटी कोटा के डिजायनर एमएनआईटी में पेश हुए। दानदाता ने कोटा की इसी कंपनी से स्ट्रक्चर डिजायन तैयार करवाया था। कंपनी के डिजायनर अब बताई गई कमियों को दूर करके तथा आवश्यक संशोधन के बाद स्ट्रक्चर डिजायन को पुन: जांच के लिए प्रस्तुत करेंगे।

इस संबंध में अधिशासी अभियंता मनोचा ने बताया कि स्ट्रक्चर डिजायन का परीक्षण शुरू होना अच्छी बात है। एमएनआईटी के विशेषज्ञों ने इसमें जो कमियां बताई हैं वह इतनी बड़ी नहीं कि उन्हें दूर नहीं किया जा सके। संशोधन भी छोटे-मोटे हैं जो आसानी से हो जाएंगे। मनोचा ने बताया कि कंपनी के डिजायनर तीन-चार दिन में कमियां दूर करके और संशोधन के बाद स्ट्रक्चर डिजायन पुन: पेश कर देंगे।

एपीपी ऑफिस की छत से गिरा प्लस्तर

श्रीगंगानगर.

कोर्ट परिसर में एडीजे वन के एपीपी ऑफिस में शुक्रवार को उस समय खलबली मच गई जब छत से एकाएक प्लस्तर उखड़कर नीचे आ गया। एक साथ बड़ी मात्रा में गिरे प्लस्तर को देखकर ऐसा लगा कि छत गिरेगी।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस कार्यालय में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या एक के एपीपी श्रीकृष्ण कुक्कड़ अपने स्टाफ के साथ अदालती फाइलों का अवलोकन कर रहे थे। इसी दौरान छत से प्लस्तर उखड़कर नीचे आ गिरा। इस कार्यालय में जामसर थाना प्रभारी अमरसिंह किसी मामले में सरकारी फाइल के संबंध में जानकारी लेने के लिए आए थे, वे भी बाल-बाल बच गए। कुक्कड़ ने बताया कि पिछले दो साल से सार्वजनिक निर्माण विभाग को उनके कार्यालय की जर्जर अवस्था के बारे में लिखित में अवगत कराया जा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।