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ढाई साल बाद मिले अबोहर से लापता हुए नेपाली किशोर के परिजन, जल्द होगा परिजनों के सुपुर्द

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 21, 2019 01:03:16 am

Submitted by:

Raj Singh

बाल कल्याण समिति सोमवार को करेगी सुपुर्द
 

ढाई साल बाद मिले अबोहर से लापता हुए नेपाली किशोर के परिजन, जल्द होगा परिजनों के सुपुर्द

ढाई साल बाद मिले अबोहर से लापता हुए नेपाली किशोर के परिजन, जल्द होगा परिजनों के सुपुर्द

श्रीगंगानगर. जवाहरनगर पुलिस थाना क्षेत्र में पांच एलएनपी फाटक के निकट करीब ढाई साल पहले लावारिस हालत में घूमते मिले एक नेपाली बालक के परिजनों का तपोवन चाइल्ड लाइन की टीम ने शुक्रवार को पता लगा लिया। जो अबोहर में रह रहे हैं। कानूनी कार्रवाई के बाद बाल कल्याण समिति व चाइल्ड लाइन के अधिकारी इसे परिजनों के सुपुर्द करेंगे।

चाइल्ड लाइन जिला समन्वयक त्रिलोक वर्मा ने बताया कि बाल कल्याण समिति की ओर से 16 सितबंर को एक पत्र मिला। जिसमें नेपाली मूल के एक बालक का पांच एलएनपी के पास लावारिस हालात में मिलना बताया गया। जिसमें बच्चे के परिजनों की जानकारी जुटाई के निर्देश दिए गए। इस पर चाइल्ड लाइन की एक टीम में समन्वयक वर्मा के नेतृत्व में आसिफ अली, पवन शर्मा व नाजिस को लिया गया।
विवेक आश्रम में रह रहे बालक की पहले काउंसलिंग की गई और जिसने अपना नाम दीपक पुत्र कुलसेहर बताया, जो लमकीषुष नगरपालिका 13 मालभंगा नेपाल का है। उसकी बहन व जीजा अबोहर इलाके में राजभंडारी में रेहड़ी लगाते हैं। वह जीजा की डांट के बाद घर से निकल गया था।
टीम वहां उसके परिजनों की तलाश की। जो शुक्रवार को अबोहर में मिल गए। बालक के माता-पिता नेपाल में रहते हैं। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष लक्ष्मीकांत सैनी के अनुसार शुक्रवार को नेपाल में बच्चे के परिजनों को सूचना दी गई है। अब सोमवार को माता-पिता या परिजनों के बच्चे संबधित दस्तावेजों की जांच करके उसे परिजनों को सौंप दिया जाएगा।

ढाई साल पहले मिला था
जवाहर नगर थाना पुलिस की एसआई चंद्रकला को 6 अप्रेल 2017 को सूचना मिली कि पांच एलएनपी रेलवे फाटक के निकट एक लावारिस बालक मिला है। पुलिस ने बालक को कब्जे में लेकर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत सैनी को मामले से अवगत कराया।
बालक को किशोर गृह में आश्रय दिया गया। वह 6 अप्रेल 2017 से 20 दिसंबर 2018 तक वहीं रहा। जहां बालक की देखरेख और सरंक्षण वाले बच्चे नहीं होने के कारण अकेला रह गया था। तब बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बालक के हित को देखते हुए उसे 21 दिसंबर 2018 को विवेक आश्रम भेज दिया था।
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