-भर्ती होने के लिए मरीजों को करना पड़ता है लंबा इंतजार -भवन के आभाव 28 बेड ही मरीजों के लिए हो रहे उपलब्ध-भर्ती होनें के लिए नहीं मिल रहे बेड-बीमारी से पीडि़त मरीज बैंच पर बैठकर ड्रिप लगवाने को मजबूर
रायसिंहनगर में वायरल बुखार व डेंगू जैसी मौसमी बीमारी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रोगियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। जिसके चलते 600 से 700 रोगी प्रतिदिन आ रहे हैं। नतीजन सामान्य इनडोर रोगियों के लिए अस्पताल में ना तो प्रयाप्त संख्या में वार्ड हैं और ना ही बैड। वर्तमान में आउट डोर रोगियों की संख्या लगभग दोगुना हो चुकी है। जिसके चलते अस्पताल में भर्ती होनें वाले मरीजों को बेड खाली होनें का घण्टों इंतजार करना पड़ रहा है। लेकिन भवन में कोई बदलाव नहीं हुआ। कागजों में तो इस चिकित्सालय में पचास बैड स्वीकृत है लेकिन भवन के आभाव में 28 बेड ही मरीजों के लिए उपलब्ध हो रहे है। लिहाजा सीएचसी प्रशासन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मजबूरन रोगी के साथ आए परिजन के हाथ हैंगर और बीमारी से पीडि़त मरीज बैंच पर बैठकर ड्रिप लगवाने को मजबूर है। चिकित्सालय प्रशासन की मानें तो इस चिकित्सालय में रायङ्क्षसहनगर क्षेत्र के अलावा अनूपगढ, जैतसर, श्री विजयनगर, गजङ्क्षसहपुर, रिडमलसर तक के मरीज भर्ती हो रहे है। उन्होंने बताया कि मरीजों की संख्या को देखते हुए इस चिकित्सालय को जिला अस्पताल में कर्मांन्नत करने की दरकार हैै। क्योंकी इसके अस्सी किलोमीटर के दायरे में कोई जिला अस्पताल नहीं है। जबकी प्रदेशभर में जिला अस्पतालों पर नजर डाले तो हर तीस से चालिस किलोमीटर दूरी पर जिला अस्पताल है।
डेंगू की जांच की व्यवस्था नहीं
चिकित्सालय प्रभारी डॉक्टर तेजकुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान में स्थानीय स्तर पर बुखार के मरीज अधिक पहुंच रहे है। उन्होंने बताया कि जिनमें उनको प्राथमिक स्तर की जांच में जो लक्षण सामने आ रहे है। उसे विभाग डेंगु के लक्षण नही माना जा सकता। वहीं स्थानीय स्तर मपर डेंगु जांच की कोई मशीन नहीं होनें के कारण जिला अस्पताल पर रेफर करना पड़ रहा है। चिकित्सकों के अनुसार चिकित्साल में पहुच रहे मरीजों में पचास से साठ फिसदी मरीजों डेंगू के प्राथमिक लक्षण सामने आ रहे है। जिनको भर्ती कर फ्लूड दिया जा रहा है। जिससे अधिकतर मरीज रिकवर होकर घर लोैट रहे है।
नि:शुल्क जांच व्यवस्था भी चर्मराई
अस्पताल में मरीजों की संख्या बढने के साथ ही निशुल्क जांच लैब में भी व्यवस्था चर्मरा गई है। निशुल्क जांच लैब में लगे कार्मिकों की माने तो रोजना दौ सो से तीन सौ मरीज की जांच की जा रही है। जिसमें प्रति मरीज पांच छह जांच लिखी होती है। लेकिन कार्मिकों के पूरे पद भरे नहीं होनें से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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वायरल बुखार व बदन दर्द की शिकायत के मरीजों की संख्या में अधिक बढोतरी हुई है। इनमें अधिकतर मरीजों की प्लेटलेटस में गिरावट आ रही है। उनके भर्ती कर फ्लूड दिया जा रहा है जिससे अधिकतर मरीज रिकवर भी हो रहे है। मरीजों की भर्ती करने के लिए बेड कम पड़ रहे है। लेकिन जैसे तैसे व्यवस्था की जा रही है।
- तेज कुमार शर्मा, राजकीय चिकित्सालय, रायसिंहनगर