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श्री गंगानगर

छह निवेशकर्ताओं से वसूले गए लाखों रुपए ब्याज सहित वापस लौटाने के आदेश

Orders to return lakhs of rupees collected from six investors with interest- कोतवाली के सामने सिटी ट्रेड प्रोजेक्ट में दुकान आवंटित करने के एवज में की थी वसूली  

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श्रीगंगानगर। करीब दस साल पहले कोतवाली के सामने बहुमंजिला सिटी ट्रेड प्रोजेक्ट में दुकान का निर्माण कर आवंटित करने का सब्जबाग दिखाकर कई लोगों से लाखों रुपए वसूली के मामले में अब राजस्थान रीयल इस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी ने सुनवाई कर आदेश जारी किया है। इस प्राधिकरण के चेयरमैन निहालचंद गोयल ने सिटी ट्रेड प्रोजेक्ट के भागीदार हरीश जसूजा, राजेन्द्र वधवा उर्फ चिंटू वधवा, जसूजा बिल्डर्स और आवामी बिल्डर्स को छह परिवादियों से वसूल किए गए लाखों रुपए ब्याज वापस लौटाने के आदेश दिए है। इस प्रोजेक्ट में इलाके के कई लोगों ने लाखों रुपए जमा करवाए थे, इसके एवज में दुकान आवंटित करने का दावा किया गया था लेकिन वर्ष 2013के बाद ऐसे निवेशकों को दुकान नहीं मिली और राशि देने से भी इंकार कर दिया गया तो वे प्राधिकरण की शरण में गए।

परिवादी सुरजीत सिंह कॉलोनी निवासी कुंदनलाल ने प्रोजेक्ट में एक दुकान खरीदने के लिए 43 लाख रुप का सौदा किया था। इस पर उसने सत्रह लाख रुपए का भुगतान दो किस्तों में किया था। इसमें साढे आठ लाख रुपए चेक के माध्यम से और शेष राशि नकद दी गई। इसके एवज में सिर्फ 85 हजार रुपए की रसीद दी गई। इसी प्रकार ओमप्रकाश गेरा की पत्नी पूनम गेरा और पुत्र संजीत गेरा ने परिवाद लगाया। इसमें बताया कि ओमप्रकाश ने अपने जीवनकाल में इस प्रोजेक्ट में एक दुकान के लिए सौदा किया तो उससे दस लाख रुपए की राशि ली थी। वहीं जिला परिषद में कार्यरत सुनील झोरड़ ने भी इस प्रोजेक्ट में दुकान का सौदा कर तीन लाख 58 हजार रुपए जमा करवाए लेकिन रसीद सिर्फ 35 हजार रुपए की मिली थी।

इसी तरह पुरानी आबादी शक्तिनगर निवासी शंकुतला सचदेवा ने भी दुकान खरीद के नाम पर 32 लाख रुपए का सौदा किया। वहीं सुरजीत सिंह कॉलोनी निवासी निश्चल कुमार मक्कड़ ने तीन लाख साठ हजार रुपए की किस्त देकर दुकान बुक कराई। इसी प्रकार कोर्ट के रीडर श्याम सुंदर बिश्नोई ने भी दुकान खरीद के लिए 3 लाख 86 हजार रुपए चुकाए लेकिन रसीद सिर्फ 38 हजार 600 रुपए की मिली। दुकान खरीदने के लिए इन निवेशकर्ताओं को दुकान का कब्जा नहीं मिला। जब तक यह प्रक्रिया अपनाई जाती उससे पहले इस बहुमंजिला बिल्डिंग पर नगर परिषद और संबंधित बैक ने सीज कर दिया था।