
श्रीगंगानगर.
खाद्य सुरक्षा योजना में सस्ते गेहूं के वितरण के लिए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) सिस्टम पूरे तौर से फेल हो गया है। इससे हजारों लोग परेशान हैं। यह स्थिति अकेले श्रीगंगानगर जिले में ही बल्कि राज्य के कई जिलों में है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उचित मूल्य की दुकानों के जरिए राशन सामग्री वितरण के लिए सभी डिपो होल्डर्स को पोस मशीनें दी गई थीं। इन्हीं के जरिए खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित परिवारों को 2 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं दिया जा रहा है। जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत लगभग 2 लाख 60 हजार परिवारों को सस्ता गेहूं मिल रहा है।
इनमें हजारों परिवार ऐसे भी हैं, जिनके अंगूठों अथवा अंगुलियों की छाप पोस मशीनें स्कैन नहीं कर पा रही हैं। इन लोगों में ज्यादातर बुजुर्ग हैं। जब ये गेहूं लेने जाते हैं तो पोस मशीनें इनकी शिनाख्त नहीं करती। ऐसे स्थिति में डिपो होल्डर वन टाइम पासवर्ड की प्रक्रिया अपनाते हैं। मोबाइल पर जो ओटीपी आता है उसकी संख्या छह डिजिट की है और पोस मशीनें इस डिजीट को फेल करार देती है। वार्ड नं. 11 के डिपो होल्डर भगवानदास उर्फ पप्पू ने स्वीकार किया कि गेहूं वितरण के लिए ओटीपी नम्बर फेल नजर आते हैं।
लगातार मिल रही हैं शिकायतें
रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ओटीपी सिस्टम के फेल होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं, जो उपभोक्ता अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखते, उन्हें बाइपास कर राशन का गेहूं वितरित करवाया जा रहा है लेकिन जिन उपभोक्ताओं के आधार में मोबाइल नम्बर फीड है उन्हें बाइपास नहीं किया जा सकता। बाइपास किए जाने की प्रक्रिया में रसद विभाग के अधिकारी उन्हें पोस मशीन से बिना कोई प्रक्रिया के गेहूं उपलब्ध करवा देते हैं। श्रीगंगानगर शहर में ही ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या लगभग पौने तीन सौ है।
जल्द दुरुस्त किया जाएगा सिस्टम
अप्रेल माह के दौरान राशन वितरण व्यवस्था में ओटीपी सिस्टम के फेल होने की शिकायतें आम हैं। जयपुर मुख्यालय पर डीओआईटी टीम इसे ठीक करने में लगी हुई है। जल्द ही ओटीपी सिस्टम को दुरूस्त कर दिया जाएगा।
-राकेश सोनी, प्रवर्तन अधिकारी, रसद विभाग, श्रीगंगानगर
Published on:
27 Apr 2018 07:49 am
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