
crossing railway line
श्रीगंगानगर.
रोजाना रेलवे कानून के नियम तोडऩे के लिए राहगीर बाज नहीं आ रहे है। हालांकि रेलवे और राज्य सरकार ने मल्टीपरपज स्कूल के पास आरयूबी का निर्माण भी कराया लेकिन राहगीर रेलवे लाइन पार करने के लिए दीवार फांदने का शॉट कट तरीका अपना रहे है।मल्टीपरपज स्कूल के पास आरयूबी का निर्माण पिछले चार साल पहले हुआ था, लेकिन जिस जगह आरयूबी की छत है उसके ऊपर से गुजरने वाली रेलवे लाइन को पार करने के लिए राहगीर दीवार कूदने का सहारा ले रहे हैं। हालांकि वहां रेलवे और नगर विकास न्यास प्रशासन ने एहतिहात के तौर पर दीवार भी बनाई लेकिन लोगों ने इस दीवार में ही सेंध लगा दी है।
ऐसा रास्ता बनाया है कि आवाजाही सुगमता से हो सके। इसकी पीछे मंशा यह है कि लाइन पार राजकीय महाविद्यालय, एमडी कॉलेज, खालसा कॉलेज, डीएवी स्कूल सहित कई शिक्षण संस्थाओं के अलावा शास्त्री बस्ती, बसंत विहार आदि कॉलोनियां भी है, इन शिक्षण संस्थाओं और कॉलोनियों में पैदल आवाजाही के लिए इस दीवार फंादने के रास्ता का अधिक इस्तेमाल हो रहा है।
अब खड़े नहीं होते वाहन
मल्टीपरपज स्कूल के पास रेलवे फाटक पर ट्रेनों की आवाजाही के कारण बस, कार, जीप, बाइक आदि वाहनों की कतार लग जाती थी, लेकिन आरयूबी बनने के बाद यह समस्या समाप्त हो गई है। लेकिन पैदल राहगीर रेलवे लाइन पार करने के लिए आरयूबी का इस्तेमाल नहीं करते, ए माइनर किनारे बनी रेलवे लाइन को पार करने के लिए दीवार को फांद कर जाते है। यह शॉटकट तरीका पिछले तीन सालों से चल रहा है, इसे रोकने के लिए रेलवे प्रशासन के अलावा जीआरपी या आरपीएफ जवान टोकते नहीं है। रही कही कसर आसपास दुकानदारेां ने इस दीवार में इतनी सेंध लगा दी है कि वहां से आवाजाही आसानी से हो रही है।
रोजाना टूट रहा है रेलवे कानून
रेलवे कानून के मुताबिक रेलवे लाइन को पार नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा कोई राहगीर या व्यक्ति करता है तो उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया जा सकता है, इसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन इस रेलवे लाइन को पार करने वालों के खिलाफ एक भी चालान तक जीआरपी या आरपीएफ ने नहीं किया है।
Published on:
28 Nov 2017 08:55 pm
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