माकपा की ओर से तहसीलदार कार्यालय के समक्ष बेमियादी अनशन चलाया जा रहा है। इस दौरान प्रधान रानीबाला दुग्गल ने अनशन शुरू कर दिया। प्रधान की तबीयत शुक्रवार सुबह से खराब हो गई। शुक्रवार देर रात चिकित्सा अधिकारी ने पुलिस को प्रधान दुग्गल की हालत गंभीर होने तथा किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार नहीं होने की लिखित रिपोर्ट दी थी।
चिकित्साधिकारी की रिपोर्ट पर अनूपगढ के एसडीएम मनमोहन मीणा, पुलिस उपधीक्षक सोहनराम बिश्रोई आदि अधिकारियों ने अनशन स्थल से प्रधान को उठाने तथा कार्यकर्ताओं के विरोध की स्थिति में पुलिस कार्रवाई की रणनीति पर निर्णय लेकर अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया। जाब्ता पहुंचने पर पुलिस ने अनशन स्थल से प्रधान रानीबाला दुग्गल को वाहन में बिठाने के लिए महिला पुलिस को आगे किया तो पूर्व विधायक पवन दुग्गल, जिला परिषद सदस्य विष्णू भाम्भू, एसएफआई जिला संयोजक शोभासिंह ढिल्लों, पूर्व सरपंच रामप्रताप राव, कालूराम , रामसिंह शेरगिल, जनवादी नौजवान सभा पूर्व अध्यक्ष हरविन्द्र संधू, भूपेन्द्र गिल, रामेश्वर पूनिया, गुरविन्द्र सिंह, सतपाल बिश्नोई, रामस्वरुप , भगवान बिश्रोई आदि ने पुलिस कार्रवाही का विरोध किया तथा धक्का मुक्की की।
टैंट उखाड़ा सामान किया जब्त
माकपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने तथा खदेडऩे के बाद पुलिस ने बेमियादी स्थल से लगे टेण्ट उखाड़ दिया। मौके पर गद्दे, पानी की टंकी, कूलर आदि सामान जब्त कर लिया। नायब तहसीलदार विनोद गोदारा, राजस्व निरीक्षक लादूराम कूकणा व महेन्द्र जांगू आदि ने जब्त सामान की सूची बनायी। इसके बाद टेंट मालिक को बुला कर जब्त सामान सौंप दिया।