कई निजी बस मालिकों ने अपनी बसों पर लोक परिवहन की तरह रंग-रोगन करवाकर उनका संचालन शुरू कर दिया। देखने में दूर से यह बसें लोक परिवहन बस सेवाओं की लगती है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। परिवहन विभाग की ओर से जून माह में अकेले गंगानगर क्षेत्र में चलाए गए अभियान के दौरान चार इस तरह की बसों को सीज किया गया है, जो देखने में लोक परिवहन की बसें नजर आती थी। राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने भी जिला कलक्टर को बसों की एक सूची सौंपी। इस सूची में अवैध रूप से चलने वाली निजी बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर तक दिए गए थे।
जिला कलेक्टर ने लोक परिवहन की बसों की जांच करने के निर्देश दिए। मगर इसके बावजूद इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। रोडवेज कर्मचारी नेताओं का कहना है कि गंगानगर आगार क्षेत्र में 60 से अधिक बसें अवैध रूप से चल रही है। इन बस मालिकों की परिवहन विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ है। इसी वजह से इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
‘परिवहन विभाग की ओर से की गई जांच के दौरान कुछ ऐसी बसें भी पकड़ी गई, जिन पर लोक परिवहन बस सेवा लिखा हुआ था और इनके पास परमिट भी नहीं था। ऐसे बस संचालकों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है। जिला परिवहन विभाग समय-समय पर अवैध रूप से चलने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई करता है।
– हेतराम सिला, कार्यवाहक जिला परिवहन अधिकारी, श्रीगंगानगर।