23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रोडवेज की एक्सप्रेस बस सेवा: फटी सीटें, टूटी खिडक़ी और घिसे टायर

-रोडवेज की खटारा बसों में यात्री सफर करने को मजबूर -राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के श्रीगंगानगर आगार में कई बसें खटारा

2 min read
Google source verification
  • श्रीगंगानगर.राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के श्रीगंगानगर डिपो की एक्सप्रेस बसें फटी सीटों, टूटी खिड़कियों और घिसे टायरों पर दौड़ रही हैं। यात्री खटारा (कंडम) बसों में सफर करने के लिए मजबूर हैं। सोमवार दोपहर,1.30 बजे पत्रिका संवाददाता ने निगम की आर-जे 13 पीए 5017 नंबर की बस में श्रीगंगानगर से चूनावढ़ तक सफर किया। यह बस कंडम श्रेणी में आ चुकी है, फिर भी इसे श्रीगंगानगर से खाजूवाला के बीच चलाया जा रहा है। खराब सीटों व टूटी खिड़कियों वाली इस बस में सफर किसी यातना से कम नहीं है। रोडवेज प्रबंधन का कहना है कि बसों की कमी के चलते इन बसों का संचालन मजबूरी है। गांव रत्तेवाला के यात्री गुरदीप सिंह ने कहा, बस की स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है; सीटें फटी हुई हैं और पुराने टायरों के कारण बस बीच रास्ते रुक जाती है।

दौड़ रहीं 12 साल पुरानी बसें

  • रोडवेज में 2013 के मॉडल की खटारा बसों का संचालन हो रहा है। वर्तमान में आरजे 15 ए 1452, आरजे 15 पीए 1454, और अन्य पुरानी बसें श्रीगंगानगर से विभिन्न रूटों पर चल रही हैं, जिसमें पीलीबंगा, रावतसर, और सूरतगढ़ रूट शामिल हैं। मुख्य बस स्टैंड पर निरीक्षण के दौरान श्रीगंगानगर से फिरोजपुर के बीच चलने वाली एक अन्य खटारा बस भी नजर आई, जो 2011 मॉडल है और पूरी तरह से खस्ता हालत में है।

क्या है विभाग की गाइड लाइन

  • रोडवेज की कोई बस यदि आठ साल या आठ लाख किलोमीटर का सफर कर लेती है तो वह कंडम की श्रेणी में आ आती है। स्टार लाइन, नॉन एसी स्लीपर बस और एसी स्लीपर बस के लिए भी यही नियम है। जबकि रोडवेज की सुपर लग्जरी बस आठ वर्ष या दस लाख किमी चलने पर वह नाकारा घोषित करने की श्रेणी में आती है।

प्राथमिक उपचार बॉक्स तक नहीं

  • बस परिचालक से जब पूछा गया कि बस में प्राथमिक उपचार बॉक्स क्यों नहीं है तो उसने गोलमोल जवाब दिया।

कंडम बसों का भी संचालन बंद किया जाएगा

  • राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की एक दर्जन बसें कंडम श्रेणी में हैं, फिर भी उनका रख-रखाव करके उनका संचालन किया जा रहा है। इस बीच, तीन बसों को कंडम श्रेणी में आने पर रूट से हटाया गया है जबकि तीन का प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही नई बसें आने पर अन्य कंडम बसों का भी संचालन बंद किया जाएगा।
  • -नरेंद्र चौधरी, मुख्य प्रबंधक, श्रीगंगानगर डिपो