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सिर पर बाइस मटके और नुकीली कीलों पर पैरों से नृत्य कर दिखाई कला

Showed art by dancing with twenty-two pots on head and feet on sharp nails- गणगौर मेले में उमडी भीड़, साकार हुई राजस्थानी लोक संस्कृति

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सिर पर बाइस मटके और नुकीली कीलों पर पैरों से नृत्य कर दिखाई कला

सिर पर बाइस मटके और नुकीली कीलों पर पैरों से नृत्य कर दिखाई कला

#Gangaur Fair पुरानी आबादी में स्थित महिला पार्क में गणगौर मेले में महिलाओं की इतनी भीड़ हो गई कि यह पंडाल छोटा पड़ गया। मां गवरजा ओर ईसर की स्थापना गौर ए गणगौर माता- खोल किवाड़ी -बाहर उड़ीके थारी पूजन वाली, गवरजा ए म्हारे घर पे आइज्यो - म्हारे सगला रे घर खुशियां लाइज्यो , खेलण दो गणगौर - भंवर म्हाने खेलण दो गणगौर - म्हारी सखियां जोवे बाट , गौर गौर गोमती - ईशर पूजे पार्वती सरीखे लोक गीतों से की गई । अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार मानसी पंवार ने 22 मटकों के साथ भवाई नृत्य ,तेज धार वाली तलवारों पर नंगे पांव नृत्य, काँच के टुकड़ों पर नंगे पांव नृत्य, नुकीली कीलों पर नंगे पांव नृत्य और दूसरे शानदार राजस्थानी गीतों पर प्रस्तुतियां देकर लोगों को भाव विभोर कर दिया । राजस्थानी पर्व गणगौर होने के दृष्टिगत राजस्थान की लोक कलाओं, लोक गीतों ,समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक संस्कृति ,व्यंजनों की विशिष्ठ पहचान के लिए राजस्थान को याद किया गया। इस कार्यक्रम में विधायक जयदीप बिहाणी, नगर परिषद सभापति गगनदीप कौर पांडे, राजस्थानी सांस्कृतिक व लोक कला विकास मंच के अध्यक्ष हिम्मत सिंह ,महासचिव सुभाष तिवारी ,कार्यक्रम संयोजिका माधुरी कंवर , विक्की राठौड़ आदि साक्षी बने। इस अवसर पर घूमर नृत्य की प्रस्तुतियां 12 वर्ष से कम व 12 वर्ष से अधिक दो आयुवर्गो में आयोजित की गई । रंग रंगीली धरती म्हारी , रंगीलो म्हारो ढोलना , टूटे बाजू बंद री लूम , पल्लो लटके रे - म्हारो पल्लो लटके , घूमर रमवा म्हैं जास्या , हीरा मोतिया सु सज्योडी गवरजा रानी लागै , कान्हा कांकरिया मत मार - मटकिया फुट ज्यावैली, और रंग दे रै - म्हाने ओज्यू रंग दे , बन्ना रै बागा में झूलो झुला , लुक छुप ना जायो जी, गीतों पर प्रस्तुत नृत्यों ने खूब वाहवाही लूटी । कनिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान गीनिका ,द्वितीय स्थान गुरलीन ,तृतीय स्थान संयुक्त रूप से हिमांशी शर्मा एवं शगनदीप, वरिष्ठ वर्ग में प्रथम प्रगति स्वामी ,द्वितीय स्थान वसुंधरा पारीक एवं मोक्षता,तृतीय स्थान सीता शर्मा ने प्राप्त किया । राजस्थानी वेशभूषा में श्रृंगार कर आई महिलाओं में प्रथम पुरुस्कार हिना पुरोहित ,द्वितीय पुरुस्कार आयना कंवर, तृतीय स्थान रेखा नोखवाल ने प्राप्त किया। आठ वर्ष की एक छोटी बच्ची वाणी डूडेजा,तानिया को विशेष सराहा गया। मेहंदी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भूमिका वर्मा ,द्वितीय स्थान दिव्या एवम् तृतीय स्थान संयुक्त रूप से वसुन्धरा पारीक एवं उपासना ने प्राप्त किया ।